रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव-2018 को हर हाल में जीतना है, क्योंकि यहीं से कांग्रेस को 2019 में संजीवनी मिलेगी. लिहाजा 14 साल प्रदेश में सत्ता से बेदखल कांग्रेस इस साल किसी भी तरह से इस अवसर को खोना नहीं चाहती क्योंकि इस साल कांग्रेस के लिए मौजूदा परिस्थतियाँ प्रदेश के भीतर में जीत के लिहाज प्रबल संभावना वाली है. ऐसी स्थिति में कांग्रेस बसपा से गठनबंधन के लिए भी तैयार है, तो उन पुराने बड़े चेहरों को साथ लाने के लिए भी जो कभी राज्य से केन्द्र तक अपनी सशक्त भूमिका अदा करते थे.

इन पुराने और बड़े चेहरों में एक चेहरा पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम का है. अरविंद नेताम आज की स्थिति में पार्टी के लिए भले मजबूत स्तंभ नहीं, लेकिन सर्व आदिवासी समाज के भीतर सरंक्षक के तौर जिस तरह से अपनी भूमिका निभा रहे हैं उससे कांग्रेस को जरूर सरकार के खिलाफ लड़ने में बड़ी मदद मिल सकती है. यही वजह है कि जब अरविंद नेताम के कांग्रेस में जाने की चर्चा शुरू हुई है कहीं से भी कोई खुलकर इसका विरोध कर नहीं रहे हैं.

कांग्रेस तो अरविंद नेताम के स्वागत की पूरी तैयारी में है. वहीं अरविंद नेताम भी दिल्ली से बुलावे के इंतजार में है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने का कहना है, कि हम अरविंद नेताम का हार्दिक अभिनंदन करते हैं. वे आदिवासियों के बड़े नेता हैं. अभी कुछ दिनों पहले जब आदिवासियों ने उनके नेतृत्व में महासभा रायपुर आयोजित किया था, तो कांग्रेस ने इसका खुले तौर पर समर्थन किया था. नेताम जी पूराने कांग्रेसी है. अगर वे पार्टी में शामिल होते हैं उनका स्वागत है.

वहीं अरविंद नेताम ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में सीधे और स्पष्ट तौर पर ये तो नहीं कहा, कि वे कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, लेकिन उन्होंन इस बात से भी इंकार नहीं किया कि वे कांग्रेस में नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा, कि उनकी कुछ शर्तें है जिनके आधार पर वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. उनकी मुलाकात राहुल गाँधी और पीएल पुनिया से हो चुकी है. अब दिल्ली से बुलावे का इंतजार है.