हां… देश के लगभग आधी ट्रेनों में विभिन्न अलग-अलग नामों की कंपनियों से पैंट्रीकार का संचालन, राजधानी रायपुर और दुर्ग के बड़े होटल के मालिक और उनकी बेटी पर गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है.
दुर्ग कोर्ट के आदेश के बाद यह केस रजिस्टर्ड हुआ है. दुर्ग जिला न्यायालय की प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकिता गुप्ता ने वर पक्ष के परिवाद पर वधु पक्ष के खिलाफ गंभीर धाराओं में जुर्म पंजीबद्ध कर 3 दिन के भीतर न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है. मामला का रोचक पहलू यह है कि पहले महिला ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ कि वे कही कोई केस, दावा या शिकायत नहीं करेंगे. लिखित में समझौता कर वधु पक्ष ने वर पक्ष से 3 करोड़ 5 लाख रुपए ले लिए और रुपए मिलने के बाद इकरारनामा समझौते से महिला और उसके पिता मुकर गए.
मामले पर वर पक्ष ने न्यायालय में सभी सबूत और गवाहों को पेश किया है. जिसके आधार पर न्यायालय ने फैसला लिया है कि आरोपी महिला और उसके पिता के खिलाफ धारा 383, 405, 406, 415, 418, 420, 120 बी, 34 के तहत अपराध दर्ज करने का ओदश दिया है और आदेश के साथ ही अपराध भी दर्ज कर लिया गया है. साथ ही नोटिस जारी कर 20 मई तक न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश भी दिया है. इस केस में अधिवक्ता रविशंकर सिंह और अभिषेक वैष्णव हैं.
अधिवक्ता रविशंकर सिंह ने बताया कि दुर्ग शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी सागर इंटरनेशनल होटल के मालिक विजय अग्रवाल की पुत्री रूही अग्रवाल सत्यम शिवम सुन्दरम प्लाट नंबर 70 जी,0 दीपक नगर दुर्ग सड़क नंबर 3 निवासी की शादी उद्योगपति सुनील अग्रवाल के पुत्र निमिश अग्रवाल निवासी 1/45 मोतीलाल नेहरू नगर पूर्व भिलाई के साथ हुई थी. रूही अग्रवाल ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस लगा दिया था. केस दर्ज होने के बाद दोनों परिवार आपसी राजीनामा कर लिए. रूही और उसके ससुराल वालों ने 3 करोड़ 5 लाख रुपए मामला खत्म करने लिखित में इकरारनामा किया. वर पक्ष ने रूही और उसके पिता को रुपए भी दे दिए. लेकिन जैसे ही रूही और उसके पिता विजय अग्रवाल को रुपए मिला उन्होंने अपना रंग बदल दिया. दहेज प्रताड़ना के केस को समाप्त करने का विरोध करने लगे. इसके बाद फिर से मामला न्यायालय में गया. जहां अधिवक्ता रविशंकर सिंह ने वर पक्ष की ओर से पैरवी की और न्यायालय में इकरारनामा सहित लेनदेन का पूरा सबूत न्यायालय में पेश किया. सभी सबूतों के आधार पर न्यायालय ने रूही अग्रवाल और पिता विजय अग्रवाल के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया और नोटिस भेजकर 3 दिन में उपस्थित होने का आदेश दिया. न्यायालय के आदेश के बाद केस भी दर्ज कर लिया गया है. अब दोनों पिता-पुत्री को 20 मई को न्यायालय में उपस्थित होना पड़ेगा.
कोर्ट में इकरारनामा प्रस्तुत किया गया है. जिसके अनुसार रूही अग्रवाल अपने ससूराल वालों से 3 करोड़ 5 लाख रूपए लेने के बाद पुलिस थाना, न्यायालय या किसी अन्य सक्षम अधिकारी के समक्ष कोई दावा, बाद या शिकायत प्रस्तुत नहीं करेंगे. उक्त प्रकरण को बिना शर्त एवं दबाव के समाप्त करेगी. न्यायालय में जमानत आवेदन का विरोध नहीं करेंगे और पूर्ण सहयोग करेंगे. रूही अग्रवाल ने प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, दुर्ग के समक्ष शपथपत्र प्रस्तुत किया था.