शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और कमलेश्वर पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि ये सारा बवाल कमलनाथ सरकार के परिसीमन को बदलने के कारण हुआ. ओबीसी वर्ग को बीजेपी सरकार के कारण 27 फीसदी नहीं 14 फीसदी आरक्षण मिलेगा. 14 फीसदी आरक्षण तो पहले से मिल रहा था. पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण में संशोधन क्यों नहीं कर रहे ? पार्टी स्तर पर कांग्रेस 27 फीसदी से ज्यादा टिकट ओबीसी वर्ग को देगी. ओबीसी वर्ग से कांग्रेस चुनाव में 27 फीसदी से ज्यादा उम्मीदवार उतारेगी.
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि पहले अधिकार छीना और अब खुशी मनाई जा रही है. सरकार की गलतियों की वजह से आज 50 फीसदी आरक्षण से चुनाव होंगे. आधी अधूरी जनाकारी के कारण ये सब हुआ. कांग्रेस ने महाजन आयोग का गठन किया. सरकार कोई चुनाव नहीं करवाना चाहती थी. सुप्रीम कोर्ट के डंडे के बाद चुनाव करवाया जा रहा है. राज्य सरकार विशेष सत्र बुलाकर 27 फीसदी आरक्षण की सिफारिश केंद्र सरकार से करे. संविधान में संशोधन करवा कर व्यवस्था करवाना चाहिए. उत्साह नहीं ओबीसी वर्ग से माफी मांगना चाहिए.
पूर्व सीएम और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि मध्यप्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय के चुनाव नहीं होना चाहिए. सरकार इसको लेकर सभी आवश्यक कदम उठाये. हमने ओबीसी आरक्षण को लेकर सदन में भी लड़ाई लड़ी थी और उसके बाद सदन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित हुआ था कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बगैर पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिए. ओबीसी वर्ग से उनका जो हक छिना गया था, उसकी दोषी शिवराज सरकार थी.
उन्होंने आगे कहा कि यदि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समय पर ट्रिपल टेस्ट की सम्पूर्ण प्रक्रियाओं का पालन कर देती, आधी-अधूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं करती तो यह अप्रिय स्थिति कभी भी नहीं बनती, लेकिन शिवराज सरकार ओबीसी वर्ग का हक छीन जाने के बाद नींद से जागी. आज सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मामले में राहत प्रदान करने का निर्णय दिया है. उसका हम स्वागत करते हैं लेकिन हमारी सरकार द्वारा 14% से बढ़ाकर 27% किये गए ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ ओबीसी वर्ग को अभी भी नहीं मिलेगा, क्योंकि निर्णय में यह उल्लेखित है कि आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए.
हमें ओबीसी वर्ग का भला करने की कोई उम्मीद शिवराज सरकार से नहीं थी, इसलिए हमने तो पहले से ही यह निर्णय ले लिया है कि हम निकाय चुनाव में 27% टिकट ओबीसी वर्ग को देंगे और इस वर्ग को उनका पूरा अधिकार देंगे. हम अपना वादा हर हाल में निभाएंगे. हमारा तो दृढ़ संकल्प है कि ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण का हक़ व अधिकार मिले.उसको हम हर हाल में पूरा करेंगे. यह निर्णय कांग्रेस के संघर्ष की व ओबीसी वर्ग की जीत है. जिसने ओबीसी विरोधी शिवराज सरकार को झुकने पर मजबूर किया.
बता दें कि मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. पंचायत और निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को एक हफ्ते में नोटिफाई करने के आदेश दिए है. एसटी-एसटी, और ओबीसी (Sc,St OBC) को मिलाकर 50% आरक्षण होगा. जिसके बाद से बीजेपी में खुशी का माहौल और कांग्रेस हमलावर हो रही है.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक