नॉर्थ कोरिया में इन दिनों कोरोना ने कोहराम मचा रखा है. वहां एक हफ्ते पहले ही कोरोना का पहला केस मिला था. उसके बाद से मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हालात काबू करने के लिए सेना को उतार दिया गया है. कोरिया में कोरोना सिर्फ उसी के लिए चिंता का सबब नहीं है, पूरी दुनिया को भी मुश्किल में डाल सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) ने आगाह किया है कि उत्तर कोरिया जैसी जगहों से कोरोना का नया वैरिएंट पैदा हो सकता है. कोरिया में गैर टीकाकरण वाले लोगों के बीच में कोरोना वायरस के संक्रमण के उच्च स्तर पर पहुंचने का खतरा बना हुआ है. उत्तर कोरिया विश्व स्वास्थ्य संगठन का सदस्य है, लेकिन एक अलग थलग देश है. वह अपने पहले कोविड-19 के प्रकोप से ही निजात नहीं पा सका है. ऐसे में वैक्सीन की कमी और चिकित्सकीय इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभाव में वहां कोरोना फैलने का खतरा बढ़ रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक माइक रायन ने कहा कि अगर कोई देश उपलब्ध तरीकों का इस्तेमाल नहीं करता है तो निश्चित तौर पर यह एक चिंता की बात हो सकती है.

जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगा उन्हें ज्यादा खतरा
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बार-बार यह चेतावनी दी है कि जहां संक्रमण की जानकारी या जांच नहीं होती है वहीं से नए वैरियंट के उभरने का सबसे ज्यादा खतरा होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहानोम घेब्रियेसिस ने भी कहा कि गैर टीकाकरण वाले लोगों में वायरस का फैलना बहुत ज्यादा चिंता का विषय है.


8 मई को मिला था पहला मरीज, अब तक 168 संक्रमित
पिछले दो साल से कोरोना ने जब पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया था, तब भी नॉर्थ कोरिया अपनी सख्त पाबंदियों की वजह से इसकी चपेट में आने से बचा रहा. वहां कोरोना का पहला केस अभी 8 मई को दर्ज हुआ है. एक हफ्ते के अंदर ही वहां 168 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है. एक व्यक्ति की मौत हुई है. हालांकि डेढ़ लाख से ज्यादा लोग बुखार से पीड़ित बताए जा रहे हैं. इस बुखार ने 56 लोगों की जान भी ले ली है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक हेल्थ सिस्टम के मामले में नॉर्थ कोरिया की स्थिति दुनिया के सबसे खराब देशों में से एक है.