रायपुर. राज्य सरकार की कृषक जीवन ज्योति योजना के तहत छत्तीसगढ़ के किसानों को सिंचाई के लिए रियायती बिजली देने को नये वित्तीय वर्ष 2018-19 में पौने तीन हजार करोड़ रूपए से ज्यादा अर्थात 2975 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है. प्रदेश के चार लाख 52 हजार किसानों को इसका फायदा मिलेगा. ऊर्जा विभाग की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां बताया कि कृषक जीवन ज्योति योजना के लिए नये वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार 2975 करोड़ रूपए खर्च करेगी.

योजना के तहत अब तक बिजली का कनेक्शन प्राप्त कर चुके चार लाख 52 हजार किसानों में से अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के एक लाख 19 हजार किसानों को सिंचाई के लिए पूरी बिजली मुफ्त दी जा रही है. इसके लिए 631 करोड़ रूपए का अनुदान राज्य सरकार विद्युत कम्पनी को दे रही है. योजना के तहत अन्य वर्गों के किसानों को तीन हार्स पावर तक के सिंचाई पम्पों के लिए छह हजार यूनिट और तीन हार्स पावर से पांच हार्स पावर तक पम्पों के लिए सात हजार 500 यूनिट बिजली मुफ्त देने का प्रावधान इस योजना में किया गया है.

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा गठित चार विशेष प्राधिकरणों-सरगुजा और उत्तर क्षेत्र तथा बस्तर और दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण और ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की ओर से किसानों से असाध्य सिंचाई पम्पों के विद्युतीकरण के लिए अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था की गई है. अब तक इन प्राधिकरणों के कार्य क्षेत्र के जिलों में 14 हजार 907 किसानों के असाध्य पम्पों को बिजली देने के लिए 87 करोड़ रूपए का अनुदान दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने ज्यादा से ज्यादा किसानों को सिंचाई सुविधा के लिए सौर ऊर्जा का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया है. इससे किसानों को पूरी बिजली बिलकुल मुफ्त मिल रही है. इसके लिए वर्ष 2016 से सौर सुजला योजना संचालित की जा रही है. इस योजना के तहत किसानों से नाम मात्र का अंशदान लेकर उनके खेतों में सोलर सिंचाई पम्प स्थापित किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि एक नवम्बर 2016 से प्रारंभ सौर सुजला योजना के तहत तीन वित्तीय वर्षों यानी 31 मार्च 2019 तक 51 हजार किसानों को सोलर सिंचाई पम्प दिलाने का लक्ष्य है. अब तक 25 हजार किसानों ने इस योजना का लाभ लेकर अपने खेतों में सोलर पम्प लगवा लिया है. अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के 15 हजार किसान भी इनमें शामिल हैं. डॉ. सिंह ने बताया कि योजना के तहत तीन लाख 50 हजार रूपए कीमत का तीन हार्सपावर का सिंचाई पम्प अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को सिर्फ 7 हजार रूपए में, अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को 12 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को सिर्फ 18 हजार रूपए में दिए जा रहे हैं.

डॉ. सिंह ने बताया कि सौर सुजला योजना में पांच हार्स पावर का सौर ऊर्जा सिंचाई पम्प, जिसकी बाजार में कीमत चार लाख 50 हजार रूपए है, राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को सिर्फ 10 हजार रूपए में, अन्य पिछड़े वर्ग के किसानों को सिर्फ 15 हजार रूपए में और सामान्य वर्ग के किसानों को मात्र 20 हजार रूपए में दिए जा रहे हैं. सौर सुजला योजना का संचालन ऊर्जा विभाग के सार्वजनिक उपक्रम छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा कृषि विभाग के सहयोग से किया जा रहा है.