नई दिल्ली। ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामले को जिला जज के पास भेज दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज के 25 साल के अनुभव को ध्यान में रखते हुए निर्णय सुनाया. इसके साथ ही अंतरिम आदेश के 8 हफ्तों तक जारी रहने का फैसला सुनाते हुए जुलाई के दूसरे हफ्ते में फिर से सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होने की बात कही.

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने पहले मुस्लिम पक्ष की दलील सुनी. मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी अदालत के सभी आदेश को कानून के खिलाफ बताते हुए निरस्त करने की मांग की. इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में रखी गई रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर सवाल उठाया. इसके अलावा प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत निचली अदालत के मामले में कमीशन बनाए जाने पर भी सवाल उठाया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन सदस्यों के बेंच ने दलील को खारिज करते हुए कहा कि एक्ट किसी भी स्थल के धार्मिक चरित्र इसकी जांच एक जज करवा सकता है, इससे एक्ट का हनन नहीं हो जाता है.

वहीं दूसरी ओर इस दलील को माना कि रिपोर्ट का सार्वजनिक होना गलत था. इसके अलावा मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद में वजु वाले स्थान पर शिवलिंग की बजाए फव्वारा होने की बात कही, जिस पर हिन्दू पक्ष ने एतराज जताया. अंत में हिन्दू और मुस्लिम पक्ष ने सुनवाई आगे बढ़ाने पर सहमति जताई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपना फैसला सुना दिया.