वेंकटेश द्विवेदी,सतना। जिले के अतरबेदिया में 6 सूत्रीय मांगों को लेकर किसान टावर पर चढ़ गए हैं. बीते एक माह से धरने में बैठे किसानों का प्रदर्शन अब उग्र हो गया है. किसानों की मांग है कि पावरग्रिड द्वारा उनके खेत मे टावर गाड़कर उनकी फसल बर्बाद कर रहा है. साथ ही उचित मुआवजा न देकर उनके हक पर डांका डाल रहा है. लिहाजा आक्रोशित किसान अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर टावर में चढ़ गए हैं. तकरीबन 18 किसान टावर में मचान लगाकर अपनी मांगों के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं.
दरअसल, बीते 2 दशक से टॉवर लाइन से प्रभावित किसान अपने खेतों में टॉवर गाड़ने और लाइन निकाले जाने को लेकर मुआवजे की लड़ाई लड़ रहे हैं. प्रभावित किसान की मांग है कि 12 लाख प्रति टॉवर 3000 रनिंग मीटर के हिसाब से उन्हें मुआवजा दिया जाए. साथ ही सिंचाई, गैस पेयजल, फाइबर ऑप्टिक केबल परियोजना निर्माण के दौरान किसानों के खेतों से पाइप लाइन गुजारी जाती है, जिसके मुआवजे की भी किसान मांग कर रहें हैं.
किसानों का आरोप है कि, बीते साल पहले भी सतना में टॉवर लाइन से प्रभावित किसानों ने कई बार धरना प्रदर्शन किया. सैकड़ों किसानों पर एफआईआर भी दर्ज हुई. पॉवरग्रिड ट्रांसमिशन लिमिटेड कंपनी ने कुछ किसानों को मुआवजा भी बांटा, लेकिन हाल ही में प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई विभाग की माइक्रोसूक्ष्म दाब सिंचाई परियोजनाएं जल शक्ति विभाग की पेयजल परियोजना चल रही है, जिसमें बड़े मोटे पाइप किसानों के खेतों में डाले जा रहें हैं, जिससे किसान की फसल प्रभावित हुई है और मुआवजे के नाम पर केवल आश्वासन मिला.
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राष्ट्रीय किसान मज़दूर महासंघ के सुभाष पाण्डेय ने बताया कि शासन-प्रशासन के सामने कई मर्तबा ज्ञापन दिया गया. बीते साल पहले धरना प्रदर्शन भी किया. लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. लिहाजा अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर एक माह से धरने पर बैठे किसान अब टावर पर चढ़ गए हैं.
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