कुमार इंदर, जबलपुर। रात के 12 बजे… एक महिला के पास फोन आता है, दूसरी तरफ से आवाज आती है. Hello Mom, मैं आयुष बोल रहा हूं.. और मां के कलेजे को ठंडक मिलती है कि, उसका बेटा सुरक्षित है। 12 घंटे से जिस बेटे के लिए पूरा परिवार परेशान था, उसका फोन आते ही परिवार खुशी की लहर छा गई।

दरअसल, 19 मई को गौर सालीवाडा निवासी संजय मिश्रा के एक 12 साल का बेटा आयुष अचानक घर से गायब हो गया था, जिससे परिवार में हड़कंप मच गया। परिजन बच्चे को हर तरफ ढूंढते हैं। आयुष के दोस्तों से संपर्क करते हैं, लेकिन वह कहीं नहीं मिलता है। परिजन इसके बाद पुलिस के पास पहुंचते हैं और शिकायत दर्ज कराते हैं। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाते हैं, तो पता चलता है कि आयुष रेलवे स्टेशन की तरफ गया है। आरपीएफ, पुलिस महकमा सारे मिलकर आयुष को ढूंढने की तमाम कोशिश करते हैं, लेकिन आयुष का कोई पता नहीं चलता।

अचानक रात को 12 बजे आयुष का फोन उसकी मम्मी के पास आता है। जिसमें वह कहता है मम्मी मैं आयुष बोल रहा हूं। मैं प्रयागराज आ गया हूं। आयुष बताता है कि मम्मी मैं ठीक हूं। मैं यहां पर क्रिकेटर बनने के लिए पहुंचा हूं। आयुष ये कॉल प्रयागराज से किसी से फोन मांगकर किया था। इसके बाद परिवार वाले तुरंत एक्टिव हो जाते हैं। जिस व्यक्ति के फोन से आयुष ने कॉल किया था, परिजन जिसे पूरा घटनाक्रम बताकर आग्रह करते हैं कि वो आयुष को पुलिस के हवाले कर दे। हम उसे लेने आ रहे हैं। आयुष के परिवार वाले ये बात पुलिस को भी बताते हैं फिर जबलपुर पुलिस, प्रयागराज पुलिस से संपर्क करती है और उसे अपने पास रखने के लिए कहती है।

वहीं प्रयागराज पुलिस जल्द आयुष को अपने कब्जे में ले लेती है। जिसके बाद जबलपुर पुलिस और आयुष के परिजन उसे लेने प्रयागराज रवाना होते हैं। बताया जा रहा है कि आज शाम तक आयुष का परिवार और पुलिस आयुष को लेकर जबलपुर पहुंच सकती है।

IPL देखते-देखत घर से भाग गया था

12 साल का आयुष 19 मई को दोपहर अपनी मां के साथ बैठकर टीवी पर आईपीएल मैच का रिपीट टेलीकॉस्ट देख रहा था। इस दौरान उसकी मां की नींद लग गई और आयुष क्रिकेट देखते-देखते अचानक घर से चला गया। परिवार वाले उसे ढूंढने के बाद जब थक हार जाते हैं तो पुलिस की शरण में पहुंचे है और आयुष के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं।

क्रिकेटर बनना चाहता है आयुष

बताया जा रहा है कि आयूष को क्रिकेटर बनने का शौक है और शायद उसे इस बात का किसी से पता चला था कि प्रयागराज में एक क्रिकेट एकेडमी है, जहां बच्चों को क्रिकेट खेलना सिखाया जाता है। इसीलिए वह किसी को बिना बताए प्रयागराज चला जाता है।

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