नई दिल्ली। भारत सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर जनता को राहत दी है, लेकिन दूसरी ओर पाकिस्तान में आग लगा दिया है. हाल ही में सत्ता से बेदखल किए गए इमरान खान ने तो हल्ला बोल दिया है. उन्होंने अपने जलसे में भारत सरकार की नीतियो को तारीफ करते हुए शहबाज शरीफ सरकार को लपेट दिया. अब पहले से ही पेट्रोल-डीजल की कीमत को बढ़ाने के लिए आईएमएफ के दबाव के बीच क्या करे, क्या न करे वाली स्थिति बन गई है.
बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से केवल भारत और पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तेल के दाम आसमान छू रहे हैं. सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में की गई कटौती के बाद पेट्रोल की कीमत जहां 102 रुपए तक आ गई है, वहीं डीजल की कीमत 95 रुपए तक आ गई है. वहीं पाकिस्तान की बात करें तो पेट्रोल की कीमत जहां प्रति लीटर 149.86 रुपए है, वहीं डीजल की कीमत प्रति लीटर 144.15 रुपए है. डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की कीमत दो सौ रुपए होने की वजह पाकिस्तान सरकार को पेट्रोल-डीजल की कीमत में सब्सिडी देनी पड़ रही है.
उधर दूसरी ओर पाकिस्तान को कर्ज दे रही आईएमएफ का दबाव है कि वह पेट्रोलियम में दी जाने वाली सब्सिडी कम करे, और अगर शहबाज शरीफ सरकार यह काम करती है तो पेट्रोल और डीजल की कीमत 200 रुपए से पार पहुंच जाएगी, जो पहले ही बदहाली में जी रही पाकिस्तान की आम जनता के लिए मरने जैसी स्थिति हो जाएगी. इस बात से पाकिस्तान के तमाम लोग वाकिफ हैं, चाहे वह सत्ता में बैठे शहबाज शरीफ हों, या फिर सत्ता से बाहर हो चुके इमरान खान. लेकिन इमरान खान इसे अपने लिए अवसर बनाना चाह रहे हैं, जिसकी वजह से वे बार-बार भारत की जिक्र कर शहबाज शरीफ सरकार को कोने में धकेलने की प्रयास कर रहे हैं.
इमरान खान ने अपने ट्वीट में लिखा है कि क्वाड का हिस्सा होने के बावजूद भी भारत ने अमेरिका के प्रेशर को सही तरीके से झेला. अपने प्रयासों के दम पर उसने रूस से सस्ते में तेल भी खरीदा. हमारी सरकार भी पाकिस्तान में ऐसा ही कुछ हासिल करने की कोशिश कर रही थी. ये सबकुछ स्वतंत्र विदेश नीति के दम पर किया जा सकता है.
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