रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग के दौरान राज्य शासन का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. इसे लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता हेलीकॉप्टर हादसे की जांच की मांग कर रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने पूर्व सीएम रमन सिंह और पनामा कंपनी की भूमिका पर सवाल उठाया है. 8 बिंदुओं में जांच की मांग की है.

दरअसल, बीते दिनों रायपुर एयरपोर्ट पर पायलट कैप्टन गोपाल कृष्ण पांडा और डीजीसीए के ट्रेनर पायलट कैप्टन एपी श्रीवास्तव की हेलीकॉप्टर क्रैश होने के कारण मौत हो गई थी.

इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक प्रताप सिंह और कुणाल शुक्ला ने कहा कि पहले से इस्तेमाल किए हुए पुराने और खटारा अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी के कारण दोनों की मौत हो गई. यह एक प्रकार से अप्रत्यक्ष हत्या का मामला है, जिसमें दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई अन्य ऐसा अपराध करने की हिम्मत नहीं कर सके.

कुणाल शुक्ला ने कहा कि यह आशंका जताई जा रही है कि सरकारी अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी में घोटाला हुआ है. यह पैसा पनामा की किसी शैल कंपनी के खाते में जमा किया गया है. हम निम्नलिखित बिंदुओं पर जांच की मांग करते हैं.

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 8 बिंदुओं में की जांच की मांग

  • हेलीकॉप्टर की निविदा प्रक्रिया की जांच की मांग
  • निविदाकरों के आपसी संबंध /व्यावसायिक लेनदेन की जांच की मांग
  • अन्य राज्य सरकारों को अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर में समतुल्य तकनीक के बाद प्राप्त क्रय दर की जांच की मांग
  • अन्य कंपनी के हेलिकॉप्टर निर्माताओं को निविदा में हिस्सा लेने से रोकने के लिए निविदा में अधिरोपित शर्त और बिंदुओं की जांच की मांग
  • तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके कार्यालय के भूमिका की जांच की मांग
  • ये भी जांच की जाए कि जिस कंपनी/व्यक्ति/एजेंट से हेलीकॉप्टर खरीदा गया था, उसकी पृष्ठभूमि और एविएशन के सेक्टर में उसका अनुभव क्या था ?
  • छत्तीसगढ़ सरकार को अगुस्ता वेस्टलैंड का स्पेसिफिक मॉडल ही खरीदना है. यह तय करने के लिए क्या कोई समिति बनी थी. अगर समिति बनी थी तो उसके सदस्य कौन कौन थे और समिति का निर्णय क्या था ? इस तथ्य की जांच की जाय.
  • तकनीकी विशेषज्ञ से जांच करवाई जाए, क्या छत्तीसगढ़ की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर ही सबसे उपयुक्त था ? अगर नहीं तो फिर दूसरे हेलीकॉप्टर निर्माता कंपनियों के मॉडल पर क्यों विचार नहीं किया गया ?