प्रतीक चौहान. रायपुर. कुछ दिनों पहले रायपुर के ईमानदार मनीष देव साहू तहसीलदार ने तहसील ऑफिस में एक पोस्टर चस्पा किया. जिसमें उन्होंने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए ये लिखा था कि यदि तहसील ऑफिस में कोई भी किसी भी काम के लिए रिश्वत मांगे तो वे उनके मोबाइल नंबर पर इसकी शिकायत भेजें.
हालांकि अब वो पोस्टर तहसील ऑफिस में नजर नहीं आते है. लेकिन आज लल्लूराम डॉट कॉम के कैमरे में इसी ईमानदार तहसीलदार का ईमानदार बड़ा बाबू (आडिल) काम के बाद 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते कैद हुआ. हालांकि उसने ये रिश्वत अपने एक अन्य साथी को लेने के लिए कहा.
दरअसल एक सीमांकन रिपोर्ट को लेकर पीड़ित पहले पटवारी के पास पहुंचा. पटवारी ने कागज में आडिल बाबू का नाम लिखकर पीड़ित को तहसील ऑफिस भेज दिया. यहां दो से तीन बार चक्कर लगाने के बावजूद भी जब कागज नहीं मिला तो पीड़ित ने लल्लूराम डॉट कॉम को 9329111133 पर फोन लगाकर मदद मांगी.
जिसके बाद लल्लूराम डॉट कॉम की टीम दोपहर 4.30 बजे करीब तहसील ऑफिस पहुंची. यहां कथित ईमानदार बड़े बाबू ने काम तुरंत करवाने की बात कही. लेकिन तहसीलदार थोड़े व्यस्थ थे. इसलिए 1.30 घंटे से अधिक का वक्त तहसील ऑफिस में लग गया. इस दौरान कई बार वहां मौजूद तमाम स्टॉफ आने जाने वाले लोगों से 100 रुपए से 1500 रुपए तक पैसे लेते हुए देखे गए.
इतना ही नहीं एक बार बड़े बाबू आडिल ने तहसील ऑफिस की अलमारी भी खोली और लॉकर से करीब 5-10 हजार रुपए के बंडल (करीब 20 हजार रुपए) भी गिने.
तहसीलदार ने बड़े बाबू को पूछ तक नहीं आपने पैसे क्यों मांगे’
दरअसल हुआ कुछ यूं कि तहसीलदार के चेंबर से निकलने के बाद बड़े बाबू ने अपने सहकर्मी को पैसे देने कहा. इतने में वे अन्य दस्तावेजों में हस्ताक्षर करवाने अंदर गए. सहकर्मी ने भी बड़े बाबू के कहने पर 5 हजार रुपए फाइल के नीचे दबा लिए. लेकिन लल्लूराम डॉट कॉम का कैमरा देख बड़े बाबू चुप-चाप तहसील ऑफिस के बाहर निकल गए. लल्लूराम डॉट कॉम की टीम भी उनके पीछे गई.
इसके बाद टीम पुनः अंदर आई, तब तक पैसे हाथ में पकड़ने वाला सहकर्मी भी वहां से गायब हो गया था. इसके बाद टीम ने फाईल के नीचे रखे पैसे पुनः लिए और फिर तहसीलदार मनीष देव साहू के चेंबर में पहुंचे. तहसीलदार ने मजाक के लहजे में कहा- अरे! चिल्हर बांट रहे हो क्या ? रिपोर्टर ने कहा नहीं…
आपके बड़े बाबू ने आपके हस्ताक्षर करवाने के एवज में 5 हजार रुपए मांगे, वहीं देने आया हूं. इतमे में उक्त बड़ा बाबू आडिल भी वहां पहुंच गया था, लेकिन तहसीलदार ने ये तक पूछने की हिमाकत नहीं की कि बड़े बाबू ने पैसे मांगे भी थे या नहीं ? इसके बाद रिपोर्टर ने उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी, तो उन्होंने लिखित शिकायत पर जांच कराने की बात कही.
वहीं तहसीलदार के चेंबर से बाहर निकलते वक्त पुनः बड़े बाबू ने उनके सामने वीडियो डिलीट करने का निवेदन किया, जो लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने नहीं किया.