रायपुर. दिवंगत हुए मनरेगा कर्मचारियों के लिए छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ ने बूढ़ापारा तालाब धरना स्थल, रायपुर में 25 मई को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर दिवंगत कर्मी के परिवार उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि, उनके पति ने मनरेगा योजना में सालों से कार्यरत थे, किंतु मृत्यु उपरांत उन्हें अब तक प्रशासन ने एक रुपए भी नहीं दिया है. हमारे पति तो चले गए, लेकिन सरकार को मनरेगा में कार्य करने वाले कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा का ध्यान देना चाहिए.

महासंघ के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी सूरज सिंह ठाकुर ने बताया कि, समस्त मनरेगा कर्मचारियों के सब्र का बांध अब टूट गया है. हम आपको अवगत कराना चाहते हैं कि, हमने अक्टूबर से अप्रैल तक लगातार 6 माह बिना वेतन के कार्य किया है और वित्तीय वर्ष 2021-22 का लक्ष्य प्राप्त किया है. साथ ही अपनी मांगों के संबंध में कई बार पत्राचार किया गया है. 14 मार्च को सांकेतिक एक दिवसीय धरना कार्यक्रम भी किया गया था, किंतु अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता.

आगे उन्होंने कहा, अब जब देख रहे हैं कि, हम लोग हड़ताल में है तो माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष हमारी छवि खराब करने में लगे हैं. मांग पर विचार ना करते हुए हड़ताल का समय सही नहीं है. मैं संवेदनशील मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि एक बार हमारी परिस्थिति को समझने का प्रयास करें. सकारात्मक मध्यस्त्ता करते हुए हमारी मांगों को पूर्ण करने का कष्ट करें.


आगे उन्होंने कहा, कोरोना काल में भी हमने अपनी जान की परवाह किए बिना छत्तीसगढ़ को देश भर में अव्वल स्थान दिलाया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में 13.61 मानव दिवस, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 18.86 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2021-22 में 16.92 करोड़ मानव दिवस सृजित किए हैं. इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 3009 करोड़, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 4113 करोड़ एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3988 करोड़ की राशि का व्यय किया गया है, जो प्रस्तावित लक्ष्य का शत प्रतिशत है. जो हमारी मेहनत और योजना के प्रति लगन का साक्ष्य है, किंतु इतना करने के बाद भी अधिकारियों का रवैया हमारे लिए संवेदनशील नहीं है, जो कि खेद का विषय है.