प्रतीक चौहान. रायपुर. अपने आप को बेहद ईमानदार मानने वाली रायपुर आरपीएफ पोस्ट की टीम ने लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के बाद जो करना चाहिए था, वो छोड़कर सब किया, लेकिन पोस्ट की पोल तब खुल गई, जब खबर के बाद दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आईजी ने अपनी विशेष टीम भेजकर इस मामले में कार्रवाई की.

खबर के बाद पोस्ट की तरफ से ये दावा किया गया कि लल्लूराम डॉट कॉम पोस्ट की छवि खराब करने के उद्देश्य से ऐसी खबरें पोस्ट कर रहा है. पोस्ट की तरफ से अपनी इमानदारी का परिचय देने के लिए कुछ आंकड़े भी जारी किए, जिसमें कार्रवाई की जिक्र है. लेकिन एक कहावत है, वो ये कि ‘सच्चाई छिपाए नहीं छिपती बनावटी उसूलों से और खुशबू आ नहीं सकती कागज के फूलों से’.

सूत्र बताते हैं कि आईजी के निर्देश पर एक टीम रायपुर पहुंची. टीम लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के आधार पर ये तलाश करने लगी कि क्या सच में जो खबर लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रकाशित की है, उसमें कोई सच्चाई है या फिर आरपीएफ को बदनाम करने के उद्देश्य से ये खबर प्रकाशित की है, क्योंकि कुछ आरपीएफ अधिकारियों ने अपने उच्च अधिकारियों को ये फीड बैक दिया था कि, लल्लूराम अक्सर बल की छवि खराब करने वाली खबरें प्रकाशित करता है.

टीम के कुछ सदस्य बिलासपुर से आने के बाद वहीं होटल के पास पहुंचे, जहां नो पार्किंग में गाड़ियों पर चेन लगाई जा रही थी. ये टीम लल्लूराम डॉट कॉम के खबर प्रकाशित होने के अगले दिन यानी 25 मई को पहुंची. वहां पहुंचने के बाद कार पार्किंग में काम करने वाला एक कर्मचारी उनके पास पहुंचा और कहने लगा कि ये नो पार्किंग है. यहां गाड़ी खड़ी की तो 500 रुपए जुर्माना लगेगा.

टीम ने सच्चाई जानने के उद्देश्य से कहा- जो लेना देना है. यहीं ले लो और छोड़ दो. इसके बाद उक्त कर्मचारी ने 200 रुपए मांगे, हालांकि टीम ने 100 रुपए देकर गाड़ी छुड़वा ली. यानी यहां लल्लूराम डॉट कॉम की खबर पर मुहर लग गई, कि यहां नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों के नाम पर अवैध वसूली हो रही है.
लेकिन इस सवाल का जवाब कौन देगा ?

यहां तक तो सब कुछ ठीक था. बिलासपुर से आई टीम ने देर रात ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए पार्किंग में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया और थाने लाकर पूछताछ की. जिसके बाद सबको छोड़ दिया गया, जिस लड़के ने अवैध रूप से वसूली की उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि उसके खिलाफ आरपीएफ किन-किन धाराओं के तहत कार्रवाई कर रही है. लेकिन यहां टीम ने आरपीएफ को बड़ी आसानी से बचा लिया.

क्योंकि उक्त कर्मचारी जो वसूली कर रहा है, उसका हौंसला आरपीएफ ने ही बढ़ाया है, क्योंकि वो आरपीएफ के कहने पर ही अनाधिकृत तरीके से चैन लगाता था और उसे छोड़ने के एवज में पैसे लेते था. ये आरपीएफ के लिए भी जांच का विषय है कि उक्त कर्मचारी के हौंसले इतने कैसे बुलंद हो गए कि वो बड़ी बेबाकी से चेन लगाता और वसूली कर छोड़ देता. जबकि ये सब रेलवे स्टेशन के मेन गेट के इंट्रेंस के पास होता है और कागजों में वहां आरपीएफ के स्टॉफ भी तैनात रहते हैं.

आईजी साहब! आपको ये वीडियो जरूर देखना चाहिए

लल्लूराम दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आईजी से ये निवेदन कर रहा है कि वे इस वीडियो को जरूर देखें और इस पूरे खेल को समझने की कोशिश करें कि क्या एक पार्किंग में काम करने वाले कर्मचारी की इतनी बखत हो सकती है कि वे आरपीएफ अधिकारी/कर्मचारियों के बिना मर्जी के आरपीएफ के बनाए चेकपोस्ट से रोजाना चेन और ताला ले जाए, उन्हें गाड़ियों में लगाकर वसूली करे ? क्योंकि ये वीडियो इस बात का भी सबूत है जिसमें चेन लगाने वाला बाहरी व्यक्ति ये कह रहा है कि वे आरपीएफ के आदेश पर ही चेन लगाता और खोलता है.
अंत में आरपीएफ के उन अधिकारियों को लल्लूराम बताना चाह रहा है कि लल्लूराम डॉट कॉम की टैग लाइन है, सच कहेंगे लल्लूराम… और हम सच ही कहेंगे.

आईजी साहब! तो क्या अब आरपीएफ अधिकारियों के खिलाफ भी होगी जांच ?

सूत्र बताते हैं कि बिलासपुर जोन से आरपीएफ की टीम के रायपुर आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि उक्त टीम ने अभी अपनी रिपोर्ट जोन में सबमिट नहीं की है, लेकिन अभी ये भी स्पष्ट नहीं है कि इस जांच में आऱपीएफ के अधिकारी/कर्मचारियों को बचा लिया गया है, या उनके खिलाफ भी जांच होगी. प्रारंभिक कार्रवाई से ये स्पष्ट हो गया है कि आऱपीएफ ने पार्किंग में काम करने वाले एक कर्मचारी को अपना मोहरा बनाकर कार्रवाई की है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि कर्मचारियों पर कार्रवाई कर चेन लगाने के लिए कहने वालों को बचा लिया गया है. अब सवाल ये है कि इस वीडियो के सामने आने के बाद क्या आईजी रायपुर पोस्ट के अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच करवाएंगे ? बता दें कि ये वीडियो 24 मई का है, जिस दिन लल्लूराम डॉट कॉम ने ये खबर प्रकाशित की थी.

Video Part-1

Video Part-2