जितेन्द्र सिन्हा, राजिम. नसबंदी कराने के बाद मिलने वाले प्रोत्साहन राशि का चेक बाउंस हो गया. इतना ही नहीं चेक बाउंस होने के बाद बैंक ने नसबंदी कराने वाले हितग्राही के खाते से चेक बांउस चार्ज भी काट लिया. जिससे हितग्राही के खाते में बची खुची राशि भी गायब हो गई.

यह वाकया देखने को मिला राजिम के रहने वाले हरीश गुप्ता की पत्नी लक्ष्मी के साथ. जिसका नसबंदी का अपरेशन महासमुंद स्थित सरकारी अस्पताल में कराया गया क्योंकि राजिम के सरकारी अस्पताल में न​सबंदी अपरेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. महासमुंद के सरकारी अस्पताल नसबंदी का अपरेशन कराने के बाद लक्ष्मी को स्टेट बैंक का 600 रूपये का चेक दिया गया. जिसे आप प्रोत्साहन राशि भी कह सकते हैं. इस चेक को लक्ष्मी के पति हरीश ने क्लियरेंस के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक में लगाया. जहां यह चेक बाउंस हो गया. इतना ही नहीं इस चेक के बाउंस होने पर लक्ष्मी के खाते में उसकी बचीखुची राशि से भी 110 रूपये चेक बाउंस चार्ज काट लिया गया.

चेक बाउंस होने की वजह बैंक द्वारा अस्पताल के खाते में पर्याप्त राशि का ना होना बताया गया है. यानि महासमुंद जिले के सरकारी अस्पताल के खाते में 600 रूपये तक जमा नहीं थे जिसकी वजह से हितग्राही का चेक बाउंस हो गया है और इसका खामियाजा हितग्राही को अपने खाते के 110 रूपये कटाकर उठाना पड़ा.

वहीं जब इस बारे में महासमुंद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि चेक बाउंस होने की जानकारी के बाद हितग्राही को नगद राशि देने के लिए बुलाया गया था लेकिन वह पैसे लेने नहीं आया. जब अधिकारी से पूछा गया कि अस्पताल के खाते में 600 रूपये तक नहीं हैं तो उनका कहना था कि शासन की ओर से अब तक राशि नहीं मिली है.

वहीं इस घटना के बाद अब यह साफ हो गया है कि गरीबों के लिए बनाई गई योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन किस प्रकार होता है और उसका कितना लाभ जनता उठाती है या फिर इस पूरी खामी के लिए भ्रष्टाचार और यहां की व्यवस्था जिम्मेदार है.