रायपुर. ज्योतिष में मारकेश का नाम सुनकर ही लोग डर जाते हैं. आज हम जानेंगे की क्या मारकेश से सच में डरना चाहिए या मारकेश हर किसी के लिए घातक नहीं होता. अगर घातक है तो इसके क्या उपाय करने चाहिए. मारकेश अर्थात. मरणतुल्य कष्ट देने वाला वह ग्रहण माना जाता है कि मारकेश जन्मकुंडली में हानिकारक और कष्टकारक होती है.

जन्म लग्न से अष्टम स्थान आयुष्य स्थान है और अष्टम स्थान से अष्टम तृतीय स्थान भी आयुष्य स्थान है. यह दोनों आयुष्य स्थान से द्वादश स्थान को मारक स्थान कहा जाता है. कुंडली में अलग-अलग लग्न में जन्म लेने वाले जातकों के मारक अधिपति भी अलग-अलग होते हैं. इनमे मेष लग्न के लिए मारकेश शुक्र, वृषभ लग्न के लिए मंगल इत्यादि होते हैं. मारकेश की दशा जातक को अनेक प्रकार की बीमारी, मानसिक परेशानी, वाहन दुर्घटना, दिल का दौरा, नई बीमारी का जन्म लेना, व्यापार में हानि, मित्रों और सम्बन्धियों से धोखा और अपयश जैसी परेशानियां आती हैं. किन्तु अगर मारकेश शुभ स्थान या शुभ प्रभाव में हो तो व्यक्ति को किसी भी प्रकार का कोई कष्ट नहीं आता है.

इसलिए प्रत्येक जातक को अपनी कुंडली का विश्लेष्ण कराकर अपने मारकेश की स्थिति जान लेनी चाहिए और इसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए आसान तरीका है कि कुंडली के सप्तम भाव में यदि पुरुष राशि हो तो शिव की और स्त्री हों तो शक्ति की आराधना करें. संबंधित ग्रह का चौगुना मंत्र, महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक करना इस दशा शांति के सरल उपाय हैं. इसके अतिरिक्त जो भी ग्रह मारकेश हो उसी का कवच पाठ करें, संबंधित ग्रह की शांति के लिए दान और हवन करना भी लाभकारी होता है.