रोहित कश्यप, मुंगेली। नगर चुनाव में हुए सियासी उलटफेर में मुंगेली नगर पालिका में बीजेपी के कब्जे वाली सीट पर कांग्रेस के कब्जे के बाद सियासी भूचाल मच गया है. हाल में ही बीजेपी ने पार्टी विरोधी नीतियों के तहत कार्य में संलिप्त पाये जाने पर 5 बीजेपी के पार्षदों को 6 साल के निष्काषित किया है, तो वहीं 1 पार्टी के युवा नेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
बीजेपी की इस बड़ी कार्रवाई से मुंगेली की सियासत में भूचाल मचा हुआ है. आरोप प्रत्यारोप के बीच निष्काषित पार्षदों ने अपना बागी तेवर भी दिखाना शुरू कर दिया है, जिससे बीजेपी की किरकिरी होने लगी है. पार्टी का अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगा है.
क्या है पूरा मामला समझिए ?
मुंगेली नगर पालिका में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सन्तुलाल सोनकर नाली घोटाले मामले में दोषी पाए जाने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद कार्यकारणी अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस के हेमेन्द्र गोश्वामी को मनोनीत किया गया था, जिसका बीजेपी ने नगर पालिका पहुंचकर मनोनीत अध्यक्ष हेमेंद्र गोश्वामी के नेमप्लेट पर कालिख पोतकर पुरजोर विरोध किया था.
अध्यक्ष पद पर चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन अधिकारी ने कलेक्टर को निर्वाचन करने के लिए पत्र लिखा था, जिसपर जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अधिसूचना जारी कर 5 जनवरी 2022 को चुनाव की तारीख तय किया गया था.
22 वार्ड के पार्षद वाले मुंगेली नगर पालिका में पार्षद और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर जेल में जाने के बाद 21 पार्षदों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें से 11 बीजेपी, 9 कांग्रेस और 1 जेसीसीजे जो कांग्रेस समर्थित है. इस लिहाज से बीजेपी के पास 11 और कांग्रेस के पास 10 पार्षद थे.
कांग्रेस ने जहां अध्यक्ष पद के लिए हेमेंद्र गोश्वामी को उम्मीदवार बनाया था, तो वहीं बीजेपी ने गायत्री देवांगन के पर अपना भरोसा जताया था, लेकिन नगर सरकार में ऐसी सियासी उलटफेर हुआ कि यहां बीजेपी की बहुमत वाली सीट पर कांग्रेस को 13 तो बीजेपी को महज 5 ही मत मिले. वहीं 3 मत रिजेक्ट हुए.
हार के बाद ही बीजेपी ने इस मामले पर जांच करवाकर पार्टी से गद्दारी करने वाले पार्षदों पर कार्रवाई करने की बात कही थी, जिसपर प्रदेश स्तर पर इसकी जांच करवाई गई और हाल में ही बीजेपी के प्रदेश महामंत्री पवन साय ने नगर पालिका के उपाध्यक्ष सहित 5 पार्षदों को 6 साल के लिए निष्काषित किया.
नगर पालिका मुंगेली के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह, सन्तोषी मोना नागरे, मोहित बंजारा, सोनी जांगड़े और मोतिमबाई सोनकर शामिल है. वहीं बीजेपी युवा मोर्चा के महामंत्री अमितेश आर्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. निष्काषन की कार्रवाई से निष्काषित पार्षदों का गुस्सा भी फूट पड़ा है.
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनको जिस मामले में निष्काषित किया गया है, वह विरोधाभास है. निष्काषन आदेश में कहा गया गया है कि पूर्व बीजेपी के नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल को अविश्वास लाने में कांग्रेस के साथ साठगांठ का जिक्र किया गया है, वो गलत है जिसका पार्टी फोरम में अपील की जाएगी.
इस पार्षद ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं निष्काषित बीजेपी के पार्षद मोहित बंजारा ने अपने ही पार्टी के प्रमुख नेताओं पर गम्भीर आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि वह कांग्रेस से 2 बार के पार्षद रहे हैं और बीजेपी नीतियों से प्रभावित होकर वह बीजेपी में शामिल हुए है, लेकिन वर्तमान में बीजेपी में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा.
साथ ही उन्होंने अपने शीर्ष नेताओं पूर्व खाद्यमंत्री और वर्तमान मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, पूर्व विधायक चोवादास खांडेकर, बीजेपी जिला अध्यक्ष शैलेष पाठक पर टिकट लेने और नगर पालिका अध्यक्ष बनाने के नाम पर जमीन, नगदी सहित उनके समक्ष लेनदेन करने का आरोप लगाया है. संगठन के नाम से लाखों रूपये वसूली करने का आरोप लगाया है.
वहीं बीजेपी युवा मोर्चा के जिला महामंत्री अमितेश आर्य का कहना है कि वह बीजेपी के लिए समर्पित कार्यकर्ता है. वह कार्रवाई हो या न हो, लेकिन वह बीजेपी के लिए समर्पित थे और हमेशा रहेंगे. उनका आरोप है कि मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले और उनके चहेते बीजेपी को गर्त में लेकर जा रहे हैं.
पार्टी की किरकिरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसकी वजह से बीजेपी बदनाम हो रही है, जबकि नगर पालिका चुनाव में उनका कहीं भी कोई नाम नहीं है. 2 पंचवर्षीय पार्षद रहने के दौरान कभी उनकी छवि में दाग नहीं लगे, लेकिन इस तरह से नोटिस दिया जाना बिल्कुल गलत है.
ये हैं इनके बोल
बीजेपी की इस बड़ी कार्रवाई ने निष्काषित पार्षदो के बागी तेवर और आरोप ने मुंगेली में बीजेपी की किरकिरी करके रख दी है, जिससे बीजेपी की अंतर्कलह जो है वो खुलकर अब सामने आने लगी है.
इधर बीजेपी की इस कार्रवाई पर कांग्रेसियो ने सवाल खड़ा करते हुए बताया कि यह महज खानापूर्ति है. उनका कहना है कि जिस मामले में पार्षदों को निष्कासित किया गया है. ऐसा तो कुछ मामला नहीं है.
मुंगेली नगर पालिका के वर्तमान अध्यक्ष हेमेंद्र गोश्वामी ने बताया कि बीजेपी के 5 पार्षदो पर गाज गिरी है, जबकि बीजेपी के 6 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग किया है, तो आखिर 1 कौन बाहुबली पार्षद है, जिसका बीजेपी सहयोग कर रही है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ साठगांठ का आरोप बेबुनियाद है. नगर विकास में पार्षदों ने अपना मतों का प्रयोग किया है. वहीं कांग्रेस पार्षद राहुल कुर्रे का कहना है कि जिस तथ्य में बीजेपी पार्षदों पर गाज गिराया गया है. ऐसा तो कोई तथ्य है ही नहीं, यानी पार्षदों के जवाब में उन्हें बहाल कर दिया जाएगा. यह कार्रवाई दिखावे मात्र के लिए है.
बीजेपी के जिला अध्यक्ष ने बताया कि आदेश में त्रुटि हुई है, जिसको प्रदेश पदाधिकारी को अवगत कराया गया है, लेकिन कार्रवाई सही की गई है. अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी के 6 पार्षदों ने क्रास वोटिंग की, जिसको पार्टी ने 6 साल के लिए निष्काषित किया है. इसमें 1 पर कार्रवाई न होने की बात पर कहा कि इसमें 2 से 3 पार्षद और संदिग्ध हैं, जो स्पष्ट नहीं हो रहा है. सही लोगों पर कार्रवाई न हो जाए इस पर रोककर रखा गया है, स्पष्ट होने पर कार्रवाई की जाएगी.
वहीं लेनदेन के मामले में उन्होंने बताया कि आरोप तो अब कुछ भी लगाएंगे अगर कोई आरोप था तो पहले लगाना था जो भी आरोप है वह निराधार है. वहीं पूर्व मंत्री एवं मुंगेली के वर्तमान विधायक पुन्नूलाल मोहले ने पार्षदों पर की गई निष्कासन की कार्रवाई को पार्टी का मामला बताया है, तो वहीं उनके ऊपर लगाए गये पार्षद के आरोप को बेबुनियाद बताया है.
एक साल बाद विधानसभा का चुनाव होना है और अभी से मुंगेली जिले में बीजेपी में बवाल मच रहा है. अगर पार्टी में ये अंतर्कलह जल्द ही समाप्त नहीं हुआ तो कहीं ऐसा न हो कि इसका खमियाज़ा मुंगेली में बीजेपी को उठाना पड़े.