सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के दावा एवं पुख़्ता इंतज़ाम का पोल नेशनल एचीवमेंट सर्वे ने खोल दिया है, सर्वे में पढ़ाई को लेकर चौंकाने वाले तथ्य खुलकर सामने आए हैं. इसके अलावा शौचालय, पीने का पानी, भवन, लाइब्रेरी की व्यवस्था में गंभीर खामियां सामने आई हैं.

नेशनल एचीवमेंट सर्वे में प्रदेश में स्कूली बच्चों की कमजोर पढ़ाई का खुलासा हुआ है. इसके साथ ही व्यवस्थाओं के लिए शासन द्वारा शिक्षा विभाग द्वारा जो राशि दी जाती है, उस राशि को उस काम में लगाने के बजाय डकार लिया गया है. स्कूलों में पेयजल और टॉयलेट व्यवस्था खस्ताहाल है. 14-20 प्रतिशत शिक्षकों ने माना कि उनके स्कूल में बच्चों के लिए पीने के पानी और टॉयलेट की पर्याप्त सुविधा नहीं है.

इस सर्वे में तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं के बच्चों के साथ ही 18,517 शिक्षकों से बातचीत की गई. इसमें प्राइमरी व मिडिल के प्रधानपाठक व हाई स्कूल के प्राचार्य भी शामिल थे. उनसे भी सुविधाओं और संसाधनों के संबंध में सवाल पूछे गए थे. 31 फीसदी शिक्षकों ने अपने स्कूल बिल्डिंग में रिपेयर की ज़रूरत बताई, वहीं तीसरी पढ़ने वाले 40 प्रतिशत पांचवीं औरआठवीं के पंद्रह प्रतिशत तथा दसवीं के 13 प्रतिशत शिक्षकों ने बताया कि उनके स्कूल में पानी के पर्याप्त व्यवस्था नहीं है.

स्कूल में घर की भाषा

रिपोर्ट के अनुसार, 80-87% बच्चे स्कूल में घर पर बोली जाने वाली बोली भाषा, जैसे छत्तीसगढ़, में बात करते हैं, वहीं 70-80 फीसदी बच्चों ने कहा कि स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पर्याप्त सुविधाएं मिल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक़, 80-85% बच्चों को उनके पालक घर पर पढ़ाई में सहयोग करते हैं.

अन्य गतिविधियों में लगाए जाते हैं शिक्षक

शिक्षकों से पढ़ाई लिखाई वह अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में सवाल किए गए थे. इस पर कक्षा तीसरी के 32 फ़ीसदी शिक्षकों ने शैक्षणिक कार्य अधिक होने की बात कही काम की अधिकता बताने वाले शिक्षकों में पांचवी के 33%आठवीं के 31 प्रतिशत और दसवीं के 35% शिक्षक थे.

लाइब्रेरी में नहीं है पुस्तक ?

प्रधान पाठकों से सपोर्टिंग एवं क्वालीफाई स्टाफ, खेल गतिविधियों और डिजिटल पढ़ाई के लिए ऑडियो विजुअल उपकरणों के अलावा लाइब्रेरी के बारे में सवाल पूछे गए थे. प्राइमरी व मिडिल के 49 प्रतिशत प्रधान पाठकों के साथ हाई स्कूल के प्राचार्यों ने कहा कि उनके इस स्कूल में लाइब्रेरी के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है. इसको लेकर या भी सवाल उठ रहा है कि मुस्कान लाइब्रेरी के अलावा शासन की ओर से लाइब्रेरी के लिए ख़रीदी जा रही किताब कहाँ जा रही है? लाइब्रेरी की किताबें के लिए शासन राशि भी जारी की जाती है?

प्रशासनिक अधिकारी करें मार्गदर्शन

नेशनल अचीवमेंट सर्वे रिपोर्ट में प्रदेश के बच्चे हिन्दी व गणित में कमज़ोर साबित हुए हैं रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए कहा है कि आदिवासी अंचल में बच्चे हिंदी और गणित में कमज़ोर न रही प्रशासनिक अधिकारी भी स्कूल में जाकर बच्चों का मार्गदर्शन करें.

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