शब्बीर अहमद, भोपाल। राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार पार्षद पदों के निर्वाचन व्यय लेखा (खर्च) का प्रावधान किया है। इसके पहले महापौर एवं अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के व्यय लेखा का संधारण किया जाता था। रिटर्निग ऑफिसर कार्यालय में निर्वाचन व्यय लेखा संधारण पर्यवेक्षण के लिए हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश भी दिये गए हैं।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राकेश सिंह ने बताया कि पार्षद पदों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा तय की गई है। नगर पालिक निगम में जनगणना 2011 के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या पर 8 लाख 75 हजार और 10 लाख से कम जनसंख्या पर 3 लाख 75 हजार होगी।
इसी तरह नगर पालिका परिषदों में एक लाख से अधिक जनसंख्या पर 2 लाख 50 हजार, 50 हजार से एक लाख तक की जनसंख्या पर एक लाख 50 हजार और 50 हजार से कम जनसंख्या पर पार्षदों के निर्वाचन व्यय की अधिक व्यय सीमा एक लाख रुपये होगी। नगर परिषदों के लिए अधिकतम व्यय सीमा 75 हजार रुपये होगी।
महापौर पद के लिए
10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर पालिक निगमों में 35 लाख और 10 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर पालिक निगमों में महापौर पद के अभ्यार्थियों के निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये निर्धारित की गई है।
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