संदीप भम्मरकर,भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्यसभा सदस्य के लिए ओबीसी और दलित कार्ड खेलकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा बीजेपी पर ओबीसी विरोधी के आरोप का मुंहतोड़ जवाब के अलावा कई दांव भी खेला गया है। वहीं सत्ताधारी पार्टी ने इस वर्ग के नाराज नेताओं को भी संदेश दिया गया है कि बगावत का अंजाम कुछ भी हो सकता है।
राज्यसभा सदस्य के लिए उम्मीदवार के नामों की घोषणा के बाद महाकौशल की उपेक्षा से नाराज चल रहे अजय विश्नोई के भी सुर बदल गए हैं। अजय विश्नोई ने ट्वीट किया है कि कार्यकर्ता को सम्मान मिला है इसके लिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व को बधाई भी दी है।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो ‘सुमित्रा वाल्मीकि’ फार्मूले से बीजेपी ने कई सियासी समीकरण साधे है। बीजेपी में महाकौशल की उपेक्षा के आरोपों से बीजेपी बरी हो गई है। सुमित्रा वाल्मीकि के रूप में नए एससी (SC) नेतृत्व को मौका दिया है। इसी तरह कांग्रेस के ‘लड़की हूं-लड़ सकती हूं’ की मुहिम का तोड़ दिया है। पार्टी के इस कदम से जमीनी कार्यकर्ताओं में बड़ी सियासी संभावनाओं का बीजारोपण किया है। इससे प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं में चुनावी दौर से पहले उत्साह भरा गया है। कह सकते हैं कि बीजेपी ने ‘सुमित्रा वाल्मीकि’ के एक तीर से कई निशाने साधे है।
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