शब्बीर अहमद, भोपाल। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के पहले नर्मदा परिक्रमा यात्रा कर मध्य प्रदेश से कांग्रेस के वनवास को खत्म करने वाले दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर 2023 में कांग्रेस को सत्ता दिलवाने का मेगा प्लान तैयार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेश की 230 विधानसभा में 130 दिनों तक यात्रा करने निकलेंगे। उनकी इस यात्रा की शुरुआत विजयदशमी पर्व से होगी। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के प्लान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी हरी झंडी दे दी है, जिसके बाद वह इसे सफल बनाने की कार्य योजना बनाने में जुट गए हैं।

दरअसल, 5 अक्टूबर को विजयदशमी के दिन से दिग्विजय सिंह प्रदेश की शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रण लेकर अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे। दिग्विजय सिंह के दौरे का पूरा रोड मैप तैयार हो गया है। दिग्विजय सिंह प्रदेश के एक-एक विधानसभा में पहुंचेंगे। उनकी ये यात्रा 130 दिन की होगी। कार्यकर्ताओं को एक्टिव और जमीन पर पार्टी को मजबूत करने की उनकी रणनीति है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष का कहना है कि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का पूरा संगठन तैयार है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने अपनी रणनीति को तैयार किया है कि किस तरह से प्रदेश में फिर से चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह यात्रा निकालने जा रहे हैं। यात्रा के माध्यम से वह जनता से सीधे जुड़ेंगे और सरकार की जनविरोधी नीतियों से उन्हें रूबरू करवाएंगे।

‘दिग्गी की यात्रा से बीजेपी को मिलेगा फायदा’

वहीं दिग्गी की यात्रा को लेकर मध्यप्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है। प्रदेश की सत्ता धारी भारतीय जनता पार्टी ने उनकी यात्रा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने यात्रा पर तंज कसते हुए कहा दिग्विजय कोई भी यात्रा निकालें उससे कांग्रेस को नहीं बीजेपी को फायदा होगा। ये बात खुद दिग्विजय सिंह कई बार खुले मंच से कह चुके हैं कि उनके प्रचार करने से कांग्रेस के वोट कम हो जाते हैं।

यात्रा को शुभ संकेत मान रही है कांग्रेस

एक ओर यात्रा को लेकर भाजपा सवाल खड़े कर रही है तो वहीं कांग्रेस इसे चुनाव के पूर्व शुभ संकेत मान रही है, क्योंकि 2018 विधानसभा चुनाव के पहले भी दिग्विजय सिंह नर्मदा परिक्रमा यात्रा पर निकले थे। नर्मदा यात्रा का फायदा पिछले चुनाव में कांग्रेस को मिला था और कांग्रेस ने प्रदेश में अपना 15 सालों का वनवास खत्म कर सरकार बनाई थी। हालांकि बाद में सरकार गिर गई और फिर बीजेपी सत्ता में आ गई। वहीं अब देखने वाली बात होगी कि दिग्विजय सिंह की इस यात्रा से कांग्रेस को कितना सियासी माइलेज मिलता है।

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