रायपुर। राजनाँदगाँव के क्रिश्चियन फेलोशिप अस्पताल में हुए मोतियाबिंद ऑपरेशन में मामले में कांग्रेस की जाँच टीम ने बड़ा खुलासा किया. कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता के नेतृत्व में गठित 8 सदस्यीय टीम की रिपोर्ट में नकली दवाओं और डॉक्टरों पर दबाव के चलते 35 मरीजों की आँखों की रोशनी चली गई है.
जाँच रिपोर्ट मीडिया के सामने पेश करते हुए डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा, कि इस मामले में बेहद गंभीर लापरवाहियाँ हुई है. जाँच टीम ने पाया कि नकली दवाओं का उपयोग मोतियाबिंद के ऑपरेशन में किया गया है. वहीं डॉक्टरों पर 3 दिनों के भीतर में 100 ऑपरेशन करने का दबाव भी दिया गया था ऐसा प्रतीत होता लिहाजा डॉक्टरों में बिना जाँच-पड़ताल के ही ऑपरेशन के लक्ष्य को पूरा कर दिया.
वहीं इस दौरान यह भी पता चला कि राजनाँदगाँव मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपेरशन की समूचित व्यवस्था नहीं. लिहाजा वहाँ आदिवासी अंचल के 101 मरीजों को निजी अस्पताल में दो एनजीओ की ओर से एक निजी अस्पताल में क्रिश्चियन फेलोशिप हॉस्पिटल में ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया. 22, 23 और 24 फरवरी को तीन दिनों 4 निजी डॉक्टरों ने 100 मरीजों का ऑपेरशन कर दिया. इसमें 23 फरवरी को जिन 45 मरीजों का ऑपरेशन किया गया उनमें 35 मरीजों को अब दिखाई नहीं दे रहा है. मतलब उनकी आँखों की रोशनी चली गई है. वहीं 15 मरीज ऐसे हैं जिनकी आंखें निकालनी पड़ सकती है.
डॉ. गुप्ता ने बताया कि दो एनजीओ साईं साइटर्स और हेल्पेज ने 1 हजार के मात्र शुक्ल मरीजों का ऑपेरशन कराया. कांग्रेस ने इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय जाँच और लापरवाही बरतने वालों सख्त कार्रवाई की मांग की है.