नई दिल्ली। राज्यसभा के रिक्त हुए 57 सीटों से 41 पर पार्टी उम्मीदवारों के निर्दलीय चुने जाने के बाद अब निगाहें शेष रह गई 16 सीटों पर आकर टिक गई है. जिन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होगा. अब बची है 16 सीटें, जिनमें से राजस्थान से 4, महाराष्ट्र से 6, कर्नाटक से 4, हरियाणा से 2 सीटें शामिल हैं. यहां तमाम राजनीतिक दल प्रत्याशी की जीत के लिए पर्याप्त मत नहीं होने की वजह से पार्टियां अपने-अपने समीकरण बनाने में लगी हुई हैं.
हरियाणा से बात करें तो भाजपा ने कृष्ण लाल परमार को उतारा है, तो वहीं कांग्रेस ने अजय माकन को टिकट दिया है. बतौर निर्दलीय जेसिका लाल हत्या के मामले में आरोपी मनु शर्मा के भाई कार्तिकेय शर्मा भाजपा और जेजेपी के अलावा चंद निर्दलियों के समर्थन से मैदान में दांव आजमा रहे हैं. कार्तिकेय शर्मा ने यहां कांग्रेस का गणित बिगाड़कर रख दिया है. कांग्रेस के 31 विधायक हैं, और अजय माकन की जीत के लिए इतने ही वोट चाहिए. ऐसे में अगर एक भी विधायक छिटका को मामला उलट सकता है. यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ के एक रिसोर्ट में ठहराया हुआ है.
महाराष्ट्र में भाजपा ने तीसरा प्रत्याशी उतारकर सत्तारुढ़ महाविकास अघाड़ी की हवा टाइट कर दी है. भाजपा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, पूर्व विधायक अनिल बोंडे और पूर्व सांसद धनंजय महाडिक को प्रत्याशी बनाया हुआ है. वहीं शिवसेना ने संजय राऊत और संजय पवार को टिकट दिया है. कांग्रेस की तरफ से यूपी से ताल्लुक रखने वाले इमरान प्रतापगढ़ी, एनसीपी ने अपने वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को फिर एक बार मौका दिया है. कांग्रेस के प्रत्याशी का स्थानीय कांग्रेस नेता ही विरोध कर रहे हैं. ऐसे में सभी की निगाहें चुनाव पर टिकी हुई है.
राजस्थान की बात करें तो यहां की चार राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होगा. कांग्रेस ने मुकुल वासनिक के अलावा रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने घनश्याम तिवारी को अपना प्रत्याशी घोषित करने के साथ निर्दलीय मैदान में सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया है. एक प्रत्याशी को जीत के लिए 42 मतों की जरूरत है.
कर्नाटक की 4 सीटों के लिए भाजपा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के अलावा जागेश और लहर सिंह सिरोया को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने जयराम रमेश के अलावा मंसूर अली खान को टिकट दिया है. जेडीएस ने कुपेंद्र रेड्डी को टिकट दिया है. कांग्रेस ने विधायकों की संख्याबल नहीं होने के बाद भी दूसरे प्रत्याशी को उतारा है, यहां तक पार्टी ने विधायकों के लिए व्हीप भी जारी किया है. ऐसे में तीसरे सीट का चुनाव संघर्षपूर्ण रहने वाला है.
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