रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी कार्यक्रम के अंतर्गत गांव-गांव में स्थापित गौठान ग्रामीणों को रोजगार और अच्छी कमाई का मौका दे रहे हैं. कांकेर जिले के पखांजूर तहसील के डोंडे गांव के दो समूहों ने मिलकर अपने गांव के गौठान में विभिन्न रोजगारपरक कार्यों से 12 लाख रुपए कमाए हैं.

डोंडे की सदगुरु स्वसहायता समूह की महिलाएं गांव के कृषक कल्याण समिति के साथ मिलकर वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट और गोबर के दीए बनाने के साथ ही मछलीपालन, मशरुम उत्पादन और सब्जी की खेती कर रही हैं. समूह की अध्यक्ष नरेश्वरी कोठवार ने गौठान में रोजगार और कमाई का अच्छा जरिया देने के लिए आज पखांजूर में भेंट-मुलाकात में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया.


गौठान में कई काम कर रहीं महिलाएं
कोयलीबेड़ा विकासखंड के हरनगढ़ ग्राम पंचायत के आश्रित गांव डोंडे की नरेश्वरी कोठवार ने बताया कि उनका समूह गांव के ही डोंडे कृषक कल्याण समिति के साथ मिलकर गौठान में कई काम कर रही हैं. वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, गोबर के दीयों, मछलीपालन, मशरुम उत्पादन और सब्जी की खेती कर 12 लाख रुपए कमाए हैं. आगे उनकी मुर्गीपालन की भी योजना है. साथ ही उनका समूह सब्जी की खेती का रकबा भी बढ़ाना चाह रहा है.

बकरी व मुर्गीपालन की चल रही तैयारी
नरेश्वरी कोठवार ने बताया कि उनके समूह ने 2350 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट और 500 क्विंटल सुपर कंपोस्ट बनाकर बेचा है. कंपोस्ट की बिक्री और अन्य गतिविधियों से 12 लाख रुपए का शुद्ध लाभ हुआ है. इसमें से पांच लाख रुपए उनके समूह की दस महिलाओं और कृषक कल्याण समिति के आठ सदस्यों में बांटा गया है.

शेष सात लाख बैंक में जमा है. डोंडे में आठ स्व सहायता समूह हैं. वहां के गौठान में बकरी पालन, सुअर पालन और मुर्गी पालन की तैयारी चल रही है. गांव की अन्य स्व सहायता समूहों को भी इन गतिविधियों से जोड़ा जाएगा.


80 हजार रुपए से अधिक का बेचा गोबर
नरेश्वरी कोठवार ने बताया कि गौठान में उन्होंने खुद भी 80 हजार रुपए से अधिक का गोबर बेचा है. इस राशि से उन्होंने मेसन का काम करने वाले अपने बेटे के लिए बाइक खरीदा है. अभी उनके घर में चार मवेशी हैं. घर के साथ ही वह बाहर का भी गोबर इकट्ठा कर बेचती है.

कंपोस्ट बेचकर कमाए 80 हजार रुपए
पखांजूर तहसील के ही कृष्ण नगर ग्राम पंचायत के आश्रित गांव सुभाष नगर की बकुल मंडल ने भी सुराजी गांव योजना और गौठान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि उनकी जय माता स्व सहायता समूह ने 410 बोरी वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट बेचकर 80 हजार रुपए कमाए हैं.

गांव की ही जागरण स्वसहायता समूह के साथ मिलकर वे मछली पालन और सब्जी की खेती भी कर रही हैं. उनकी जय माता समूह गांव के एक और तालाब में भी मछली पालन की तैयारी में है.