अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर निर्वाचनआयोग की तैयारी जारी है। चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के तहत महापौर और पार्षद का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को चुनाव खर्च का पाई-पाई का हिसाब देना होगा। चुनाव में खर्च करने के बाद उम्मीदवारों के पास कितना पैसा बचा इसकी भी जानकारी देना होगी।

निर्वाचन आयोग चुनावी खर्चे पर लगाम कसने की तैयारी में है। चुनावी खर्चे को लेकर लिमिट पहले ही तय की जा चुकी है। बचा हुआ पैसा किसके पास रखा है, इसकी भी जानकारी देना होगी।

इधर बीजेपी जनहितैषी योजनाओं को निकाय चुनाव में मुद्दा बनाकर भुनाएगी। बंद हुई योजनाओं को सत्ताधारी सरकार दोबारा शुरू कर रही है। कल ही सीएम शिवराज ने स्कूल चले हम योजना दोबारा शुरू करने का ऐलान किया था। लाड़ली लक्ष्मी योजना, संबल योजना, तीर्थ दर्शन योजना भी दोबारा शुरू की गई है। हर वर्ग को साधने के लिए अलग अलग योजना शुरू की गई है। सीएम शिवराज मैदानी मोर्चे में उतरकर सरकारी योजना गिनायेंगे। निकाय और विधानसभा चुनाव की तैयारी का खाका तैयार है।

गेहूं के भुगतान को लेकर बैठक में सीएम शिवराज के कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसानों को भुगतान में तेजी लाने कहा है। जिन किसानों का भुगतान शेष है उन्हें राशि प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं हो इस बात का ध्यान अधिकारी रखें।

बता दें कि मध्यप्रदेश में लम्बे समय से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी चल रही थी। प्रदेश के कई संभागों में खरीदी खत्म हो चुकी है।

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