रायपुर। कांकेर के नरहरपुर ग्राम पंचायत के रहने वाले बिरझूराम मटियारा 34 वर्षों से भृत्य के पद पर पदस्थ थे. पांच बेटियों का दायित्व संभाल रहे बिरझूराम का गंभीर बीमारी की वजह से 22 अप्रेल को निधन हो गया. पिता के जाने के बाद बड़ी बहन कविता के कंधों पर पूरी जिम्मेदारी आ गई. अनुकंपा नियुक्ति के लिए कविता ने सरकार को आवेदन दिया और महज डेढ़ महीने में नियुक्ति भी मिल गई. इतनी जल्दी नियुक्ति की कल्पना कविता ने सपने में भी नहीं की थी.

कविता बताती है कि ये उम्मीद थी कि उसे उसके पिता की नौकरी मिल जाएगी, लेकिन उसे संशय था कि इसमें बहुत वक्त लगेगा. लेकिन कविता का आवेदन मिलते ही उस पर तत्काल कार्रवाई शुरू हुई और एक महीने के भीतर ही कविता को सहायक ग्रेड-03 की अनुकंपा नियुक्ति दे दी.

कविता को यकीन नहीं हुआ कि ये सब मात्र एक महीने में ही हो गया. कविता ये जानकर हैरान हो गयी कि उसके पिता भृत्य थे, लेकिन उसे क्लर्क की नौकरी मिली. आज कविता को उसका नियुक्ति पत्र मिल गया है और अब वो अपनी चार बहनों के साथ अपनी मां की पूरी जिम्मेदारी उठाने को तैयार है. कविता का कहना है कि वो अभी तक सुनती आ रही थी कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार में तत्काल सुनवाई होती है और आज उसने ये देख भी लिया.

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