रायपुर. शक्तिशाली सिद्ध शाबर मंत्र को स्वयंसिद्धि मन्त्र के नाम से भी पुकारा जाता है. यह मन्त्र अत्यन्त शक्तिशाली एवं अचूक है. अगर आप को लग रहा है की आप के घर या दुकान आदि में किसी ने टोटका आदि कर रखा है अथवा घर में कोई व्यक्ति ज्यादा बीमार है, निर्धनता आपका पीछा नहीं छोड़ती, या कोई कार्य बनते बनते बिगड़ जाता हो अथवा कोई तांत्रिक क्रिया द्वारा आपको बार बार परेशान कर रहा हो तो इन सब कष्टों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए शाबर मन्त्र को सबसे सिद्ध एवं प्रभावकारी माना गया है.

शाबर मंत्रो के सरल भाषा में होने के कारण इनका प्रयोग बहुत ही आसान है कोई भी इन्हे सुगमता से प्रयोग कर सकता है. यह मन्त्र दूसरे दुष्प्रभावी मंत्रो के काट में सहायक है. शाबर मन्त्र के प्रयोग से प्रत्येक समस्या का निराकरण सहज ही जाता है. इस मन्त्र का प्रयोग कर व्यक्ति अपने परिवार, मित्र, संबंधी आदि की समस्याओं का निवारण करने में सक्षम है. ‘शाबर मंत्र’ का जाप करने वाले व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता दूर चली जाती है. उसे सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है.

मन से बैर भाव, द्वेश जैसी भावनाएं निकल जाती है. हनुमान जी तो स्वयं रुद्र के अवतार हैं, जैसी ऊर्जा उनके अंदर है वैसी ही ऊर्जा और तेजी हनुमान जी के अंदर है. ‘शाबर मंत्र’ तेजी से असर करते हैं. ये मंत्र आपके शत्रुओं का नाश करते हैं. इस मंत्र के जाप से शत्रुता का नाश होता है. ‘शाबर मंत्र’, ये आपके हर बिगड़े काम को सही करने की क्षमता रखता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए व्यक्ति को किसी विशेष सिद्धि की आवश्यकता नहीं है, ये मंत्र स्वयं सिद्ध होते हैं. अर्थात इनमें इतनी शक्ति होती है कि इनके उच्चारण मात्र से आपका कल्याण हो सकता है.

शरीर की रक्षा के लिए शाबर मंत्र

ॐ नमः वज्र का कोठा जिसमें पिण्ड हमारा पैठा.
ईश्वर की कुंजी, ब्रह्मा का ताला मेरे आठोंयाम का यती हनुमन्त रखवाला..

उपरोक्त शाबर मंत्र को लगातार 21 दिनों तक दीपक जलाकर अपने सामर्थ्य अनुसार अधिक से अधिक जप करें. इसके बाद जब भी आप इस मंत्र को सात बार पढेंगे तो आपके शरीर पर रक्षा कवच बन जायेगा. अब आप पर कोई भी ऊपरी शक्ति का प्रभाव नहीं हो पाएगा. इस प्रकार शारीरिक परेशानी से लेकर सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति के लिए शाबर मंत्र का जाप करें.

विद्या प्राप्ति हेतु शाबर मंत्र

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम।। या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वृस्तावता । या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मसना ।।

सुख प्राप्ति हेतु शाबर मंत्र

धन प्राप्ति का शाबर मंत्र नित्य प्रातः काल दन्त धावन करने के बाद इस मंत्र का 108 बार पाठ करने से व्यापार या किसी अनुकूल तरीके से धन प्राप्ति होती है.

मंत्र- ओम ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मामगृहे धन पूरय चिन्ताम्तूरय स्वाहा.

नये कारोबार शुरू करने एवं उसमें सफलता प्राप्ति हेतु

“ओम नम: काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिये व्याली चार बीर भैरों चौरासी बात तो पूजूं मानए मिठाई अब बोली कामी की दुहाई”

सुबह स्नान के बाद लक्ष्मी पूजन के बाद पूर्व की ओर मुख करके बैठें. फिर सुविधा के हिसाब से 7, 14, 21, 28, 35, 42 या 49 मंत्रों का जप करें. ऐसा करने से आप कोई नया कारोबार जल्दी शुरु कर लेंगे.

धन संपत्ति प्राप्ति हेतु

“ॐ श्रीं श्रीं श्रीं परमाम् सिद्धिं श्रीं श्रीं श्री”

इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए दीपावली या फिर किसी भी शाम को प्रदोषकाल में रोज़ 3 माले का जाप करें. इसके बाद अगर, तगर, केसर, लाल और सफेद चंदन, गुगुल, कपूर को घी में मिलाकर इसी मंत्र से 108 आहुति दें. 7 में की गई पूजा से आपके जीवन में धन संपत्ति का अंबार लग जाएगा.

शास्त्रीय प्रयोग

इन मंत्रों में विनियोग, न्यास, तर्पण, हवन, मार्जन, शोधन आदि जटिल विधियों की कोई आवश्यकता नहीं होती. फिर भी वशीकरण, सम्मोहन, उच्चाटन आदि सहकर्मों, रोग-निवारण तथा प्रेत-बाधा शांति हेतु जहां शास्त्रीय प्रयोग कोई फल तुरंत या विश्वसनीय रूप में नहीं दे पाते, वहां “शाबर-मंत्र” तुरंत, विश्वसनीय, अच्छा और पूरा काम करते हैं.