रायपुर-मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार का प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान देश का सबसे बड़ा सोशल ऑडिट (सामाजिक अंकेक्षण) अभियान है। सुशासन के सपने को साकार करने के लिए आम जनता से सीधे संवाद करना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है। डॉ. सिंह कल 11 मार्च से इस अभियान के तीसरे चरण में प्रदेश के सभी 27 जिलों के दौरे पर रवाना हो रहे हैं। अभियान का तीसरा चरण 31 मार्च तक चलेगा।
मुख्यमंत्री जिलों के प्रवास के दौरान 13 जिला मुख्यालयों में रात्रि विश्राम करेंगे और उस दौरान वे संबंधित जिले के साथ-साथ आसपास के कुछ जिलों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक लेकर योजनाओं की समीक्षा करेंगे। डॉ. सिंह अपने प्रवास के दौरान गांवों और शहरों का आकस्मिक दौरा भी करेंगे। उन्होंने आज शाम रायपुर में बताया कि लोक सुराज अभियान के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार गांवों और शहरों में आम जनता तक पहुंचती है। तीन चरणों में चलने वाले इस अभियान में जहां ग्रामीणों और आम नागरिकों से आवेदन आमंत्रित कर उनका उचित निराकरण किया जाता है, वहीं मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रीगण और मुख्य सचिव सहित सभी अधिकारीगण विभिन्न जिलों का सघन दौरा करते हैं और आम जनता के बीच चौपालों में तथा बैठकों में सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों की जमीनी समीक्षा की जाती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष के लोक सुराज अभियान के लिए प्रथम चरण में 12 जनवरी से 14 जनवरी तक ग्राम पंचायतों और शहरों में आवेदन प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाए गए थे, जिनमें राज्य सरकार को 30लाख 10 हजार 612 आवेदन पत्र प्राप्त हुए । इनमें से 28 लाख 05 हजार 890 आवेदन ग्रामीण क्षेत्रों से और एक लाख 85 हजार 778 आवेदन शहरी क्षेत्रों से प्राप्त हुए हैं। ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों की संख्या 19 हजार 024 है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके बाद दूसरे चरण में 15 जनवरी से 11 मार्च तक संबंधित विभागों द्वारा इन आवेदनों की निराकरण की कार्रवाई की जा रही है। करीब-करीब 50 प्रतिशत आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। तीसरे चरण में सभी जिलों में अलग-अलग ग्राम समूहों के बीच समाधान शिविर भी लगाए जाएंगे, जहां लोगों को प्रथम चरण में प्राप्त उनके आवेदनों के बारे में बताया जाएगा। तीसरे चरण में कुल एक हजार 811 समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें से एक हजार 182 शिविर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम समूहों के बीच और 629 शिविर शहरी क्षेत्रों में वार्ड समूहों के बीच लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सबसे पहले वर्ष 2005 में ग्राम सुराज अभियान के रूप में इस अभियान को शुरू किया था। इसकी सफलता और जनता के बीच अभियान की बढ़ती मांग को ध्यान में रखकर सरकार ने वर्ष 2012 में नगर सुराज अभियान शुरू किया और ग्राम तथा नगर दोनों को जोड़कर वर्ष 2015 से लोक सुराज अभियान के रूप में इसका आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष यह चौथा लोक सुराज अभियान है। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच बैठकर उनकी समस्याओं और जरूरतों का पता लगाकर राज्य सरकार ने कई नवीन योजनाओं की शुरूआत की है, जिनका आज पूरी सफलता के साथ क्रियान्वयन हो रहा है। उन्होंने बताया कि लाखों गरीबों के लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना, बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना, चिरायु स्वास्थ्य परीक्षण योजना और मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना, तेन्दूपत्ता श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री चरण पादुका योजना, मनरेगा के श्रमिकों के लिए टिफिन बॉक्स वितरण योजना जैसी कई योजनाएं ग्राम सुराज और लोक सुराज अभियान की देन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गरीबों को भोजन का अधिकारी दिलाने के लिए देश का पहला खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून बनाने का विचार भी ग्राम सुराज अभियान के दौरान आया। छत्तीसगढ़ सरकार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में व्यापक सुधार करने में ऐतिहासिक सफलता मिली।
डॉ. रमन सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष 2017 के लोक सुराज अभियान में 28 लाख आवेदनों का निराकरण किया गया। वर्तमान वर्ष 2018 के अभियान के लिए प्रथम चरण में संकलित 30 लाख से ज्यादा आवेदनों में से 50 प्रतिशत का निराकरण हो चुका है। तीसरे चरण में होने वाले समाधान शिविरों में लोगों को उनके आवेदनों के निराकरण के लिए की गई और की जा रही कार्रवाई के बारे में बताया जाएगा। उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर उन योजनाओं का लाभ दिलाने का भी प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष के लोक सुराज अभियान में जनता से प्राप्त विभिन्न मांगों से संबंधित आवेदनों का निराकरण करते हुए राशनकार्डों में 99 हजार 852 नाम जोड़े गए। सामाजिक सुरक्षा और वृद्धावस्था पेंशन योजना के 58 हजार 238 आवेदनों को मंजूरी दी गई। भूमि सुधार के 38 हजार 296 प्रकरणों का निपटारा किया गया। हैण्डपम्प सुधार और नये हैण्डपम्पों के लिए 32 हजार 334 आवेदनों का स्वीकृति दी गई। इसी कड़ी में ट्रांसफार्मर और बिजली के खम्बों के लिए 15 हजार 503 आवेदन भी मंजूर किए गए। बिजली बिलों में सुधार के लिए प्राप्त तीन हजार 353 आवेदनों का भी निराकरण करते हुए बिलों में सुधार करवाया गया। अभियान के तहत तीन हजार 254 युवाओं को रोजगार भी दिलाया गया और चार हजार 258 जाति प्रमाण पत्र बनवाए गए। राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन, नामांतरण और बंटवारे के 23 हजार 146 आवेदनों का निपटारा किया गया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2018 के लोक सुराज अभियान में सर्वाधिक दस लाख 69 हजार 322 आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए प्राप्त हुए हैं। विभिन्न विभागों को प्राप्त आवेदनों में इस वर्ष सबसे ज्यादा 17 लाख 63 हजार 714 आवेदन पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को, चार लाख 13 हजार 113 आवेदन खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग को, एक लाख 65 हजार 216 आवेदन राजस्व विभाग को और 92 हजार 675 आवेदन नगरीय प्रशासन विभाग को मिले हैं। ऊर्जा विभाग को 74 हजार 531 आवेदन और समाज कल्याण विभाग को 73 हजार 088 आवेदन मिले हैं। श्रम विभाग को 67 हजार 267, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 58 हजार 603, पशुपालन विभाग को 47 हजार और कृषि विभाग को 41 हजार 366 आवेदन प्राप्त हुए हैं।