लखनऊ. जापान और उत्तर प्रदेश के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार और जापान में भारत के दूतावास के बीच वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा संवाद किया गया. इस दौरान भारत से जापान में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक विशिष्ट रणनीति तैयार किये जाने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई. इस दौरान हस्तशिल्प, भोजन, इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, कालीन, चमड़ा और ओडीओपी उत्पादों जैसे क्षेत्रों में यूपी और जापान के बीच द्विपक्षीय व्यापार की संभावनाओं का पता लगाने के लिए भी बात हुई.

जापान में भारत के राजदूत संजय वर्मा, अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन (एमएसएमई) नवनीत सहगल, सी. राजशेखर, ओएसडी (राज्य), मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल एफेयर्स, नई दिल्ली तथा अरविंद कुमार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने भाग लिया. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) ने वस्त्र, चर्म, आईटी और हस्तशिल्प क्षेत्रों से संबंधित विनिर्माण सामथ्र्य के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि यह सेक्टर जापान में बाजार की मांग के अनुरूप हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश से जापान में उत्पाद व सेवाएं, दोनों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है.

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जापान में भारतीय राजदूत संजय वर्मा ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल का स्वागत किया और राज्य केंद्रित वेबिनार, वर्चुअल बायर सेलर मीट के आयोजन व वर्ष के अंत तक जापान में राज्य प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने के प्रयासों में उत्तर प्रदेश सरकार को पूर्ण सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि जापान को निर्यात करते समय हमारे निर्यातकों द्वारा प्रमाणन और गुणवत्ता संबंधी मानदण्डों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. हाल ही में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के विषय में चर्चा करते हुए अरविंद कुमार, आयुक्त अवस्थापना और औद्योगिक विकास, उत्तर प्रदेश ने कहा कि प्रदेश सरकार विश्व के विभिन्न देशों से राज्य में निवेश आमंत्रित करने के लिए कृत संकल्प है.

सी. राजशेखर ने एमएसएमई को उनकी अंतर्राष्ट्रीयकरण यात्रा में हैंड होल्डिंग सपोर्ट प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि विदेश मंत्रालय व्यापार और निवेश आधारित रोड शो व प्रदर्शनियों जैसे उचित आयोजनों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को फैसिलिटेट कर सकता है. बैठक में निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद और भारत एक्जिम बैंक के अधिकारियों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया.

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