रायपुर. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बोधघाट विद्युत परियोजना को लेकर बैकफुट में आने पर कहा कि कांग्रेस की सरकार ने हमेशा बोधघाट के नाम पर बस्तर के जनमानस को छला है. इस परियोजना से लगभग 3,66,580 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होना था, जिसे लेकर प्रदेश सरकार ने सर्वे प्रारंभ करने का दावा किया था.

आगे उन्होंने कहा कि, कांग्रेस सरकार को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि अब तब सर्वे के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई और कितनी राशि खर्च किया गया है. इसका ऐलान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में भी किया था.

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में ही इस परियोजना का सपना सबको दिखाया गया था, लेकिन पूरा तो हुआ ही नहीं और अब भविष्य में भी होने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा कभी भी विकास विरोधी नहीं रही है. कांग्रेस आपस में ही बोधघाट परियोजना को लेकर एकमत नहीं रही है.

359 गांवों के किसानों को नहीं दे पाई सिंचाई सुविधा
कौशिक ने कहा कि इस परियोजना को लेकर कांग्रेस में आत्मविश्वास की कमी साफ दिख रही है. साथ ही पुनर्वास और व्यवस्थापन की नीति भी सही नहीं है, जिसके कारण प्रभावितों का विश्वास कांग्रेस को प्राप्त नही हुआ है. इसके कारण ही बोधघाट परियोजना पांच दशकों के बाद भी पूर्ण नहीं हो पा रही है. इस परियोजना क्षेत्र में करीब 13,783 हेक्टेयर जमीन आ रही है, जिसमें 45 प्रतिशत जंगल व 20 फीसदी स्थानीय नागरिकों की है, जिनकी प्रदेश सरकार को जरा भी चिंता नहीं है. साथ ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कहा था कि बोधघाट परियोजना से 359 गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी, जिसे लेकर भी सरकार की योजना अब असफल हो गई.

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