भारतीय रेल के इतिहास में शीर्ष स्तर पर अधिकारियों की यह पहली नियुक्ति प्रक्रिया होगी, जिसमें वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए उपलब्धियों के आधार पर प्रमोशन देकर महाप्रबंधक बनाया जाएगा. रेलवे में आठ कैडर के स्थान पर भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस की अधिसूचना जारी करने के ठीक 10 दिन बाद मंगलवार को रेलवे बोर्ड ने लेवल 16 यानी महाप्रबंधकों के पद पर नियुक्ति संबंधी निर्देश जारी कर दिए हैं.
रेलवे बोर्ड के आदेश के अनुसार, 1983 व 1984 बैच के अधिकारियों को 21 दिन के भीतर महाप्रबंधक बनने के लिए आवेदन करना होगा. नियुक्तियां आगामी तीन माह में हो जाएंगी. जानकारों का कहना है कि सिविल सर्विसेस से आने वाले भारतीय रेल में उक्त बैच के पर्सनल, अकाउंट व ट्रैफिक सर्विस के अधिकांश असफर सेवानिवृत्त हो चुके हैं. वहीं, इस कैडर में नई भर्ती के अधिकारी आगामी तीन दशक में महाप्रबंधक बनने की संभावना कम रहेगी. क्योंकि वह देर से सेवा में आते हैं.
तकनीकी कैडर के इलेक्ट्रिकल, मेकैनिकल, स्टोर, सिग्नल-टेलीकॉम कैडर के अधिकारी कम उम्र में सेवा में आ जाते हैं, इसलिए उनके शीर्ष स्तर (लेवल 16) पहुंचने की संभावना अधिक रहती हैं. अत: महाप्रबंधकों की नियुक्ति प्रक्रिया में इलेक्ट्रिकल, मेकैनिकल, स्टोर, सिग्नल-टेलीकॉम कैडर के अधिकारी हिस्सा ले सकेंगे. भारतीय रेल में मेट्रो रेल सहित 17 जोनल रेलवे के महाप्रबंधक, रेल कोच फैक्ट्री, इंजन कारखाना, पहिया कारखाना सहित कुल 29 महाप्रबंधक (सभी लेवल-16) हैं. इसके अलावा रेलवे बोर्ड में अतिरिक्त सदस्य (योजना), रेलवे बोर्ड सचिव लेवल-16 श्रेणी में आते हैं.
वर्तमान में 11 महाप्रबंधक के पद लंबे समय से खाली
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 11 महाप्रबंधक के पद लंबे समय से खाली हैं, जिन पर नियुक्तियां होनी हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व के नियम के अनुसार नौकरी के दो साल बचे होने पर भी वरिष्ठता के अनुसार महाप्रबंधक के लिए योग्य उम्मीदवार माना जाता था.
कम से कम पांच काम बताने होंगे
अधिकारी को नौकरी के दौरान कम से कम पांच उपलब्धियां बतानी होगी. रेलवे के विकास का सटीक एक्शन प्लान भी देना होगा. योग्यता में अधिकारी के अंदर नेतृत्व गुण (इमोशनल कोशेंट-आईक्यू) सर्वोपरि माना जाएगा. इसके अलावा अधिकारी को वार्षिक संपत्ति रिटर्न का ब्योरा भी देना होगा.