लखनऊ. महाराष्ट्र के भाजपा नेता कृपा शंकर सिंह ने उत्तर प्रदेश में मराठी को वैकल्पिक भाषा के रूप में पेश करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजा है. उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले कृपा शंकर सिंह को महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों को लुभाने के अभियान का जिम्मा सौंपा गया है.

सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री इस सुझाव से सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं और वाराणसी में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा सकता है. घटनाक्रम ऐसे समय में भी आया है जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना राज्य में ‘बाहरी लोगों’ के लिए नौकरी के अवसरों का विरोध कर रही है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में, सिंह ने उत्तर प्रदेश में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक छात्रों के लिए मराठी को वैकल्पिक भाषा के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया है. पत्र में यह भी कहा गया है कि इससे छात्रों को महाराष्ट्र में बेहतर नौकरी पाने में मदद मिल सकती है.

“महाराष्ट्र में बिताए अपने 50 वर्षों के दौरान मैंने पाया कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा पास करने वाले छात्र रोजगार के लिए बड़ी संख्या में महाराष्ट्र आते हैं. इन छात्रों को मराठी भाषा की कोई समझ नहीं होती, ऐसे में इन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.” मार्च में, महाराष्ट्र विधायिका ने एक कानून पारित किया जिसमें सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों के लिए साइनबोर्ड पर मराठी में अपना नाम लिखना अनिवार्य कर दिया. इसके बाद, शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए-जिसमें राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं) प्रशासन ने कानून को लागू करने के लिए एक सरकारी प्रस्ताव जारी किया.