वाराणसी.  जिला सत्र न्यायालय के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को धमकीभरा पत्र मिलने के मामले में कैंट थाने में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया. यह कार्रवाई बुधवार देर रात जज के अर्दली राजेश कुमार सोनकर की तहरीर पर की गई. जज के आदेश पर ही ज्ञानवापी में सर्वे कमीशन की कार्यवाही की गई थी. बाद में वहां शिवलिंग की आकृति मिलने पर वुजूखाने को सील कर दिया गया था.

बीते सात जून को धमकीभरा पत्र रजिस्टर्ड डाक से पहुंचा. अर्दली राजेश कुमार सोनकर ने पत्र रिसीव कर सिविल जज को सौंपा था. पत्र पर के. 16/19 बहादुर शाह जफर मार्ग, नई दिल्ली का पता अंकित था. पत्र भेजने वाले का नाम कासिम अहमद सिद्दीकी बताया गया है. पत्र में उसने खुद को इस्लामिक आगाज मूवमेंट का अध्यक्ष बताया है. अर्दली की ओर से दी गई तहरीर में धमकीभरे पत्र का विवरण दिया गया है. कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर एसएसआई इंद्रकांत मिश्रा को विवेचनाधिकारी बनाया गया है.

इंटरनेट कॉल की छानबीन शुरू

सिविल जज रवि कुमार दिवाकर को सात जून को धमकीभरा पत्र भेजने के पहले 29 मई को इंटरनेट कॉल की गई थी. इस संदिग्ध नंबर की भी साइबर व सर्विलांस सेल छानबीन कर रही है.

अपर मुख्य सचिव गृह को भेजा था पत्र

जज ने इंटरनेट फोन कॉल आने पर और बाद में धमकीभरा पत्र मिलने पर अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, पुलिस आयुक्त वाराणसी को चिह्वी भेजकर इसकी जानकारी दी थी.