अजय सूर्यवंशी, जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में इन दिनों हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुनकुरी, पथलगांव, तपकरा और कांसाबेल वन परिक्षेत्र में हाथी जंगल से रिहायशी इलाके में आ जा रहे हैं, जिसकी वजह से पिछले एक सप्ताह के भीतर हाथी के कुचलने से 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है.

बीते रात कांसाबेल वन परिक्षेत्र के चेटबा, डोकडा, सिकाबहरी और डाँड़पानी गांव में हाथियों के दल ने खूब उत्पाद मचाया. किसानों के घर मे रखे अनाज को चट कर गए. साथ ही दर्जनों घरों को तोड़फोड़ भी किया है. हाथियों की आतंक से ग्रामीण भय के साए में रतजगा करने को मजबूर हैं.

वन विभाग लगातर हाथी गस्ती दल बनाकर हाथी विचरण क्षेत्र में दौरा कर ग्रामीणों को सजग कर रहा है. बावजूद इसके हाथियों के हमले से ग्रामीणों को बचाने में असफल है.

ग्रामीणों का आरोप है कि वन अमला को हाथी आने की सूचना देने के बाद पहुंचते हैं. इनके द्वारा पहले से कोई उपाय नहीं किया जा रहा है, जिससे हम मौत हर पल मंडराता रहता है, लेकिन वन अमला कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

पहली और दूसरी मौत तपकरा वनपरिक्षेत्र में हुई, वहीं तीसरी और चौथी मौत कुनकुरी वन परिक्षेत्र में हुई, पांचवी मौत बगीचा वन परिक्षेत्र के मइनी गांव में हुई है. यहां एक हफ्ते के अंदर हाथियों ने 5 लोगों को मार डाला है.