टुकेश्वर लोधी, आरंग. शासन द्वारा भेजे गए निराश्रितों के लिए पेंशन की राशि हर महीने ग्राम पंचायत के माध्यम से निराश्रितों को मिल जाती है. वहीं कुछ निराश्रितों की मौत भी हो जाती है और उनके पेंशन की राशि पंचायत के खाते में जमा होती है. उस जमा राशि को शासन को वापस लौटने के बजाय ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव द्वारा मिलीभगत करके उस राशि को बिना पंचायत प्रस्ताव के आहरण कर लिया गया है.

बता दें कि, लाखों के गबन का मामला आरंग जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत भानसोज का है. जहां सरपंच और सचिव द्वारा मृत निराश्रितों का पेंशन गबन करने का आरोप गांव के उपसरपंच, पंच और ग्रामीणों ने लगाया है. इतना ही नहीं आरोप यह भी है कि भानसोज की सरपंच ऊषा भुनेश्वर धीवर और सचिव रवि टंडन के द्वारा मृत हो चुके निराश्रितों के पेंशन की राशि 1 लाख 50 हजार रुपए का आहरण भी कर लिया गया है. आरोप ये भी है कि सरपंच और सचिव ने मिलीभगत करके अन्य पंचायत के हितग्राहियों के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए आए 2 लाख 30 हजार रुपए का आहरण भी किया है.

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ग्राम के उपसरपंच संजीव चंद्राकर ने बताया कि, सरपंच और सचिव ने मिलकर 14वें वित्त से बिजली बिल जमा करने के नाम से 2 लाख 73 हजार रुपए का आहरण किया. लेकिन आज तक बिजली बिल का भुगतान नहीं हो पाया है. वहीं पंच हरि बंजारे ने बताया कि, ग्राम पंचायत भानसोज के पूर्व सरपंच जितेंद्र मांडले द्वारा मार्च 2020 में सरपंच ऊषा भुनेश्वर धीवर को प्रभार देने के बाद जितेंद्र मांडले के पास 7,15,536 रुपये बकाया दर्शाया गया है. उसकी वसूली के लिए सरपंच और सचिव के द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. गांव के उपसरपंच सहित पंच और ग्रामीणों ने पंचायत में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर उच्चाधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा है.