नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (विनय कुमार सक्सेना) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली के असोला-भाटी माइंस वन क्षेत्र का दौरा किया. यहां वर्षा और बाढ़ के पानी को इकट्ठा करने, भूजल को रिचार्ज करने और क्षेत्र को विश्वस्तरीय ईको-पर्यटन गंतव्य में बढ़ाने के लिए अधिकारियों को 30 दिनों के भीतर एक मास्टर प्लान तैयार करने का निर्देश दिया गया. साथ ही निर्देश दिया गया कि मोरिंगा, चेम्बू या हनी ट्री (डोम्बेया स्पेक्टाबिलिस), जामुन और विशेष किस्म के बांस आदि सहित एक लाख पेड़ लगाए जाएं. मास्टर प्लान के ईको-टूरिज्म घटक में बटरफ्लाई ट्रेल्स, वाइल्डलाइफ ट्रेल्स, साइकिल ट्रैक्स, वॉकिंग ट्रैक्स, बर्ड-वाचिंग स्पॉट और रोपवे बनाने के प्रावधान भी शामिल होंगे.

ये भी पढ़ें: मनी लॉन्ड्रिंग केस: 2 सप्ताह के लिए बढ़ाई गई दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की हिरासत

असोला-भाटी खान क्षेत्र के कायाकल्प का मास्टर प्लान

मास्टर प्लान विशेषज्ञों और संस्थानों के परामर्श से संबंधित विभागों के अधिकारियों की एक समिति द्वारा तैयार किया जाएगा. एलजी, सीएम और डिप्टी सीएम 14 गड्ढों (4 बड़े और 10 छोटे) को जलाशयों में विकसित करने की वांछनीयता पर एकजुट हैं. इनकी क्षमता 800 मिलियन गैलन से अधिक है, जो शहर के भूजल को रिचार्ज करने में मदद करेंगे. इसके अनुसार ही असोला-भाटी खान क्षेत्र के कायाकल्प और पुनर्विकास के लिए एक मास्टर प्लान बनाने का निर्णय लिया गया.

ये भी पढ़ें: Delhi Traffic: राहुल गांधी के पेश होने से पहले ED कार्यालय के आसपास कड़ी की गई सुरक्षा, कई रास्ते बंद, कांग्रेस के मार्च को देखते हुए कई कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए

उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इलाके का लिया जायजा

31 मई 2022 को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के दौरे के बाद जब उन्होंने अधिकारियों को संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया था और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ एक बैठक की थी. संबंधित विभागों के प्रभारी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों ने क्षेत्र की संयुक्त यात्रा की और यहां का जायजा लिया. यह बताया गया कि वन अभयारण्य के बाहर निचले इलाकों में लगातार जलभराव और बाढ़ देखी जाती है, जिनमें से लगभग 35 प्रतिशत उच्च खदान क्षेत्र के ढाल से ही आते हैं. इसके अलावा वन क्षेत्र के ठीक बाहर बहने वाले मुख्य नालों में भी मानसून के दौरान ओवरफ्लो होने का खतरा रहता है.

ये भी पढ़ें: लोकतंत्र नहीं बल्कि गांधी परिवार की 2 हजार करोड़ की संपत्ति को बचाने का प्रयास कर रही है कांग्रेस : स्मृति ईरानी

अधिकारियों को दिए गए कई निर्देश

अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक तरफ बांध बनाकर ढलानों से बहते पानी को रोके रखें और एकत्रित पानी को उठाने के तरीके और साधन तैयार करें, साथ ही भट्टी माइंस क्षेत्र के गड्ढों में नालियों और निचले इलाकों से पानी को ऊपर उठाने और दबाव डालने के लिए भी निर्देशित किया गया है.