गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में अब किसानों से ठगी का सिलसिला कम नहीं हुआ है. एक बार फिर बिचौलिए किसानों को लाखों रुपये का चूना लगाकर फरार हो गए हैं. फसल की लागत वहन करने का झांसा और 2500 में धान खरीदी करने की बात कह कर लाखों रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिए हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक देवभोग के 20 से ज्यादा गांव में 150 किसानों को झांसा देकर वारदात को अंजाम दिए हैं. देवभोग में कृषि विभाग के योजनाओं के नाम ठगी का सिलसिला बन्द नहीं हुआ है. इस बार तो बाहर से आए बिचौलिए डेढ़ माह तक घूम घूम कर ठगे और इसकी भनक प्रशासन को नहीं लगी.

बताया जा रहा है कि सिनापाली, गिरशूल, कैठपदर, बरकानी, सर्गिगुड़ा, घुमरगुड़ा जैसे 20 गांव में बिचौलियों ने कम पढ़े लिखे 150 से भी ज्यादा किसानों को अपना शिकार बनाया है.

जानकारी के मुताबिक अप्रैल मई माह में बाइक सवार दो युवक गांव गांव में घूमकर किसानो से सीधा संपर्क किए. युवक अपना पता रायपुर का बताया, लेकिन देवभोग में भी अपनि संस्थान होने की जानकारी दी. कहा गया कि फसल में लगने वाले सभी रासायनिक खाद और बीज दवाएं वे घर पहुंचाकर देंगे.

2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी करने के अलावा खाद बीज के पैसे फसल कटने के बाद लेंगे, लेकिन उन्हें पहले चरण में एडवांस के तौर पर 4 बोरी डीएपी लेना होगा. प्रति बोरा 1200 के दर पर 4800 रुपये लिए और बकायदा एक रसीद भी दिया, जिसमें कम्पनी का पता जयपुर राजस्थान लिखा हुआ है.

रसीद के पीछे अपना मोबाइल नम्बर देकर मई माह के तारीखों का जिक्र किया, जिस तिथि में उनके घरों में खाद पहुंचेगा. साथ ही अपना मोबाइल नम्बर 9828025578 को भी लिखा. नियत तिथि में खाद के बोरे डिस्पेज हो गए. सप्लाई तक मोबाइल कुछ दिनों के लिए चलता रहा. उपयोग करते समय किसानों को पता चला कि वह डीएपी नहीं बल्कि एक प्रकार का जैविक खाद है. अब बिचौलियों का मोबाइल नम्बर बन्द बता रहा है.

मामले में देवभोग के वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी जेआर नाग ने कहा कि कुछ किसानों को बाहर की जैविक खाद की सप्लाई करना पता चला है. सम्बंधित इलाके के आरईओ को किसान से मिलकर जानकारी एकत्र करने कहा गया है. उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी.

डीएपी के किल्लत का भय दिखाया-

सिनापाली के ख़िलायापारा निवासी दुरसिंग नागेश, गुनसुन्दर,हिंगराज, महेश साहू समेत पीडित 10 से भी ज्यादा किसानो ने बताया कि जो लोग आए थे. उन्होंने जून के बाद डीएपी की किल्लत होगी बताया था. डीएपी खाद प्रत्येक किसानो को समय से पहले उपलब्ध कराने की बात कही.

अपने साथ डीएपी का सैंपल भी रखा हुए थे, लेकिन रंगीन बोरी को देखकर हमें आशंका हुआ. जानकार लोगों से पूछे तो पता चला कि यह जैविक खाद है, जो लोकल मार्केट में 300 से 400 में मिल जाता है. उन लोगों ने अपना मोबाइल नम्बर भी बन्द कर दिया है. सिनापाली के बाजार पारा और बस्तिपारा मिलाकर 150 किसान ठगी के शिकार हुए हैं.

डीएपी की तरह दिखने वाला दानेदार जैविक खाद

यंहा के किसान अब तक जैविक खाद को पाउडर और मिट्टी जैसे देखे थे, लेकिन दिया गया खाद हूबहू डीएपी जैसे दिख रहा था. किसान कम पढ़े लिखे होने के कारण बोरी और पेमेंट स्लिप को कभी ध्यान नहीं दिया. पैकेट में पूनरसीड फर्टिलाइजर लिखा हुआ है, जिसे सजंय कॉलोनी, जयसिंगपुर जयपुर में मैनिफेक्चरिंग होना बताया गया है. रायपुर के इंडस्ट्रीज एरिया भनपुरी में ब्रांच होने का जिक्र किया गया है.