इस्लामाबाद। पहले से ही आम जिंदगी की तकलीफों से गुजर रही पाकिस्तान की जनता पर शहबाज शरीफ सरकार ने पेट्रोल बम दे मारा है. आईएमएफ के दबाव में सरकार ने 20 दिनों में तीसरी बार पेट्रोल-डीजल के कीमतों में इजाफा किया है. 24 रुपए की बढ़ोतरी के साथ पेट्रोल अब 234 रुपए प्रति लीटर और डीजल 59 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 263 रुपए प्रति लीटर हो गया है. बढ़ी कीमतें 16 जून से लागू हो गई हैं.

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने बीते दिन घोषणा की कि सरकार अब पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी वहन करने की स्थिति में नहीं है, इसलिए उसने पेट्रोल की कीमतों में 24.03 रुपये की वृद्धि करने का फैसला किया है, जो अब 233.89 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर ले गया है. मंत्री ने बताया कि 16 जून से पेट्रोल की कीमत 233.89 रुपये प्रति लीटर, डीजल 263.31 रुपये, मिट्टी का तेल 211.43 रुपये और हल्के डीजल तेल की कीमत 207.47 रुपए होगी.

कीमतों में बढ़ोतरी को घोषणा से पहले मिफ्ता ने पिछली इमरान सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए गंभीर आरोप लगाए. मिफ्ताह ने कहा कि इमरान खान ने सब्सिडी देकर जानबूझकर पेट्रोल की कीमतें कम कीं. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार उन फैसलों का खामियाजा भुगत रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पाकिस्तान को हर लीटर पर पेट्रोल पर 24.03 रुपये, डीजल पर 59.16 रुपये, मिट्टी के तेल पर 39.49 रुपये और हल्के डीजल तेल पर 39.16 रुपये का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि मई में यह घाटा 120 बिलियन से अधिक हो गया है.

12 घंटे हो रही बिजली कटौती

लोग केवल खाने-पीने की किल्लत और पेट्रोल-डीजल की ही समस्या से नहीं जूझ रहे हैं, बल्कि उन्हें 12-12 घंटे बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है. लिक्विड गैस पर चलने वाले पाकिस्तान के पावर प्लांट रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से गैस की किल्लत से जूझ रहे हैं. गैस नहीं मिलने की वजह से सरकार बिजली कटौती का सहारा ले रही है. वहीं दूसरी ओर गैस नहीं मिलने की वजह से फर्टिलाइजर के उत्पादन पर भी पड़ रहा है. इसका सीधा असर फसल के उत्पादन पर होगा, जिससे फिर आम पाकिस्तानियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.