जितेंद्र सिन्हा, गरियाबंद. जिले के कौन्दकेरा ग्राम पंचायत में ओलावृष्टि क्षतिपूर्ति मुवावजा राशि में भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. लल्लूराम डॉट कॉम ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद भ्रष्ट पटवारी अभिषेक चतुर्वेदी को कलेक्टर ने गांव में जनचौपाल लगाकर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

बता दें कि, बीते दिन जिले के ग्राम पंचायत कौन्दकेरा के ग्रामीण 200 से भी अधिक की संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे. जहां पहुंचकर ओलावृष्टि में क्षतिपूर्ति के रुप में मिले मुआवजा राशि में हुए भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच की मांग की. साथ ही ग्रामीणों ने फर्जी किसानों के खिलाफ तत्काल जांच कर कार्रवाई करने और क्षतिपूर्ति की राशि का बंदरबांट करने वाले तत्कालीन हल्का पटवारी अभिषेक चतुर्वेदी को निलंबित करने की मांग की खबर को लल्लूराम डॉट कॉम ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद पटवारी को कलेक्टर ने जनचौपाल लगाकर निलंबित कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक, साल 2020 -21 में ओलावृष्टि में मीले फसल क्षतिपूर्ति की राशि मुआवजा राशि मे लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा होने से क्षेत्र के किसानों में भारी गुस्सा था. ग्रामीणों ने लिखित में शिकायत किया था कि, जिन्होंने कभी खेत में धान बोया ही नहीं, जो बाहरी व्यक्ति है उसे भी लाभ पहुंचाया गया था.

वहीं जिनका एक-दो एकड़ खेत है, उनको 10 से 20 एकड़ सर्वे कर लाखों रुपयों का क्षतिपूर्ति मुआवजा दिया गया था. ग्राम कौन्दकेरा के किसानों ने सैकड़ों की संख्या में जिला कार्यालय पहुंच कर कलेक्टर व एसडीएम कार्यालय पहुंचकर फसल क्षतिपूर्ति की राशि में हुए भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच की मांग और संलिप्त अधिकारी, कर्मचारी और फर्जी किसानों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी. जिसके कलेक्टर गांव में जनचौपाल लगाकर निलंबन की कार्रवाई की है.