कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। शहर में अग्निपथ स्कीम के विरोध में गुरुवार को हुए उपद्रव में कोचिंग संचालकों की भूमिका सामने आई है। प्राथमिक जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद तीन कोचिंग संचालकों को क्राइम ब्रान्च ने हिरासत में ले लिया है। ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के अनुसार उपद्रव में डिफेंस तैयारी के लिए फिजिकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट चलाने वाले कोचिंग संचालकों की भूमिका पाई गई है। इन लोगों ने भड़काऊ मैसेज ग्रुप में डालें, जिसे तैयारी करने वाले युवाओं को प्रदर्शन के लिए भेजा। इससे युवक भड़क गए। ऐसे कोचिंग संचालकों को चिन्हित किया गया है। 3 कोचिंग संचालकों की पहचान के बाद उन्हें क्राइम ब्रांच ने हिरासत में भी लिया है।
बता दें कि आसपास के जिलों के युवक सेना में भर्ती की तैयारी करने यहीं आते हैं। इनमें मुरैना, भिंड के युवकों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। यह सभी युवा ग्वालियर में रहते हैं या फिर अप डाउन करते हैं। इसी वजह से एक साथ इतने युवक इकट्ठे हो गए। वहीं एसएसपी अमित सांघी का यह भी कहना है कि उपद्रव बिना प्लानिंग के एकदम से होना संभव नहीं था। इसके पीछे और कौन कौन है इसकी तह तक जांच की जा रही है। फिलहाल 34 से ज्यादा उपद्रवी युवाओं को हिरासत में भी लिया गया है। चार एफआईआर ( FIR) अभी तक की जा चुकी है और आगे की जांच जारी है।
गौरतलब है कि अग्निपथ स्कीम के विरोध में गुरुवार को गोले का मंदिर चौराहा, बिरला नगर स्टेशन, ग्वालियर रेलवे स्टेशन, हजीरा गांधीनगर में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था। कई वाहन तोड़े आगजनी भी की थी। ऐसे में पुलिस को 70 से ज्यादा अश्रु गैस के गोले दागने पड़े थे लाठीचार्ज भी किया था। ऐसे में हिंसा के तीन कारण स्पष्ट रूप से सामने आए हैं जिनमें व्हाट्सएप ऐप पर भड़काऊ संदेश भेजना, कोचिंग संचालकों की भूमिका और इंटेलिजेंस फेलुअर। फिलहाल आगे की जांच जारी है।
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