शराब मामले में दर्ज झूठे प्रकरण को सेंटलमेंट करने की एवज में मासिक बंधी लेते दो थानाधिकारी व दो कांस्टेबल को गिरफ्तार किया है. इन्हें दो कांस्टेबल के जरिये 3.30 लाख रुपए लेते पकड़ा गया. चार दिन पहले इसी मामले में ये 5 लाख रु. ले चुके थे, जिसे कोतवाली थाने की अलमारी में रखवाया था. ये पूरी कार्रवाई राजस्थान एसीबी की टीम ने की है.
एसीबी ने कुल 8.30 लाख रु. बरामद किए. खास बात है कि ये रकम डूंगरपुर एसपी सुधीर जोशी के नाम पर ली गई थी. उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है. वहीं एसीबी ने कोतवाली थानाधिकारी दिलीपदान चारण, धंबोला थानाधिकारी भैयालाल आंजना, कोतवाली थाने के कांस्टेबल भोपाल सिंह व जगदीश विश्नोई को गिरफ्तार किया है. इनके ठिकानों की तलाश की जा रही है.
जयपुर एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि 30 मई को शराब ठेकेदारों ने शिकायत दी थी कि एसपी के नाम पर बंधी ली जाती है. पहले 5 लाख रु. लिए जाते थे लेकिन इसके बाद हर माह 10 लाख रु. मांगे जाने लगे. इसके बाद एसीबी ने टीम गठित कर सत्यापन किया. इसमें घूस लेने की पुष्टि हुई. इसके बाद गुरुवार को दो थानेदार और दो कांस्टेबल को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया गया.
शराब कारोबारियों ने एसीबी को बताया कि पहले एसपी के नाम पर पांच लाख रु. की बंधी ली जाती थी. इसके बाद 10 लाख रुपए की डिमांड की जाने लगी. यही नहीं रकम देने से मना करने पर धमकी दी जात और झूठे मुकदमे कर गिरफ्तार किया जाता है. इसलिए तंग आकर कारोबारियों ने एसीबी डीजी बीएल सोनी के पास शिकायत दी.