बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी वर्ग के लोग Mobile एडिक्शन के शिकार होते जा रहे हैं. मोबाइल की बढ़ती लत की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए प्रदेश में एकमात्र मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र है. यहां डॉक्टरों की मदद से मोबाइल का नशा उतरा जाता है. दरअसल, मोबाइल की लत लोगों के लिए परेशानी सबब बन चुकी है. बच्चों, बड़े और महिलायें मोबाइल के आदी हो चुके हैं. लोग मोबाइल पर गेम खेलने के साथ ही चैटिंग, फोटो अपडेट करने और कमेंट करने लगे रहते हैं. इसका स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है.

यूपी के प्रयागराज के मोती लाल नेहरू मंडलीय अस्पताल में प्रदेश का पहला मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र की शुरुआत तीन साल पहले हुई. यहां Mobile और इंटरनेट की लत छुडाने के लिए खास ओपीडी चलती है. यहां आने वाले मरीजो की काउंसिलिग की जाती है. यही नहीं  जरूरत पड़ने पर दवाएं भी दी जाती है. यहां काउंसिलिंग और दवाओं के साथ ही कुछ खास थिरेपी व योग भी बताया जाएगा. यहां मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक की टीम मरीजों का इलाज करती है.  

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अस्पताल के डॉक्टर राकेश कुमार पासवान कहना है कि मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र पर मोबाइल से जुड़ी हुई विभिन्न प्रकार की समस्याओं का इलाज किया जाता है. डॉक्टर राकेश बताते हैं कि लोगों में गेमिंग और सोशल मीडिया एडिक्शन ज्यादा रहता है. यहां पर साइकोथेरेपी के माध्यम से पीड़ित की काउंसिलिंग कर लत छुड़ाने का प्रयास करते हैं. साथ ही साथ कभी-कभी बीमारी की स्थिति बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, तो दवा भी दी जाती है.

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