नई दिल्ली. अग्निपथ योजना के विरोध में सोमवार को कांग्रेस ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान सीएम भूपेश बघेल भी प्रतिनिधि मंडल में शामल रहे. इसके पहले सीएम ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ संसद भवन में पहुंचकर पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्यों से मुलाकात की इसके बाद सभी नेताओं ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के लिए राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च किया.
ज्ञापन सौंपते समय विपक्ष के नेता (एलओपी) और दो मुख्यमंत्रियों सहित कांग्रेस के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर सेना भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ के संबंध में दो मांगों के साथ एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें पार्टी ने इस योजना को वापस लेने, व्यापक परामर्श करने और सशस्त्र बलों के कल्याण से समझौता किए बिना गुणवत्ता, दक्षता और अर्थव्यवस्था के मुद्दों को संबोधित करने का आग्रह किया है.
सीएम भूपेश का ट्वीट-
वहीं इनकी दूसरी मांग का जिक्र वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में किया, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस सांसदों पर किए गए शातिर और अकारण हमले के खिलाफ और विशेषाधिकार हनन पर विशेषाधिकार समिति द्वारा इसकी समयबद्ध जांच सुनिश्चित की जाए.
प्रतिनिधिमंडल ने विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च किया और दो पन्नों का एक ज्ञापन सौंपा. जिस पर कई कांग्रेसियों के हस्ताक्षर थे. राज्यसभा में एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, के.सी. वेणुगोपाल, जयराम रमेश और पी. चिदंबरम प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे.
अग्निपथ योजना, जिसे केंद्र सरकार द्वारा एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी उपाय कहा जाता है, ने पूरे भारत में कई राज्यों में अभूतपूर्व स्तर के आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किए हैं. इससे पहले, दिन के दौरान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों ने जंतर मंतर पर एक सत्याग्रह के माध्यम से अग्निपथ योजना और उनके नेता राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ पर अपना विरोध दर्ज कराया था.
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