महाराष्ट्र में सियायत का हाईवोल्टेज ड्रामा से उद्धव की सेना पूरी तरह से बिखर चुकी है. शिंदे के खेमे में बागियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इससे शिंदे गुट मजबूती के साथ सरकार के सामने ताल ठोक रहे हैं. इतना ही नहीं शिंदे ने भी उद्धव ठाकरे के सामने शर्त रखकर मुसीबत में डाल दिया है. शिंदे ने उद्दव ठाकरे से कहा है कि सीएम का पद छोड़ दें और सहयोगी दलों से भी किनारा कर लें तभी कोई बात होगी. ऐसे में संजय राउत का बयान भी सामने आया, जिसके बाद शिवसेना, कांग्रेस और NCP में फूट की खबर सामने आने लगी है.
बता दें कि, एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके साथ शिवसेना और निर्दलीय मिलाकर 45 विधायक हैं. दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे नरम पड़ते दिख रहे हैं. संजय राउत ने यहां तक कह दिया कि अगर सभी विधायक कहेंगे तो MVA (महाविकास अघाड़ी) गठबंधन से अलग होने पर भी विचार किया जा सकता है.
वहीं इससे पहले कल सीएम उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री आवास छोड़कर मातोश्री (अपने घर) पहुंच गए थे. ठाकरे ने फिलहाल सीएम पद नहीं छोड़ा है लेकिन उन्होंने इशारा दिया कि बागी अगर सामने आकर बात करें तो वह इसके लिए भी तैयार हैं. बुधवार को उद्धव ठाकरे ने फेसबुक पर लाइव आकर बागियों को सीधा संदेश दिया. कहा गया कि कोई गद्दारी करने की जगह सीधे आकर उनसे बात करें. उद्धव के बयान के बाद एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया. वह बोले कि महाविकास अघाड़ी बेमेल का गठबंधन है, जिसे खत्म करना चाहिए.
वहीं शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच मचा घमासान शांत हो या ना हो बीजेपी को इसका फायदा मिलना तय माना जा रहा है. ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि, सरकार गिरने के बाद और शिंदे के समर्थन मिलने पर देवेंद्र फडणवीस अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेगें. जो भाजपा के लिए सुनहरा अवसर साबित होगा.
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