रायपुर। राष्ट्रपति चुनाव के लिए बिसात बिछ गई है. एक तरफ सत्तारुढ़ एनडीए की प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू हैं, तो दूसरी ओर विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर यशवंत सिन्हा हैं. इनमें से यशवंत सिन्हा को कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के विधायक-सांसदों का भरपूर मत हासिल करने के बाद भी द्रोपदी मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विधायक और सांसदों के मतमूल्य का निर्धारण संविधान के अनुच्छेद -55 के तहत किया जाता है. इसमें उस राज्य की आबादी 1971 के अनुसार, विस सदस्य संख्या के गुणनफल को लिया जाता है. वहीं सांसदों के मतमूल्य में देश की आबादी को शामिल कर मतमूल्य जोडक़र ही हार-जीत तय किया जाता है. इस लिहाज से छत्तीसगढ़ के 16 सांसदों का मतमूल्य 700 और और 90 विधायकों के लिए 129 तय किया गया है. सांसदों के मतमूल्य में इस बार 8 अंकों की कमी के पीछे जम्मू-कश्मीर विस भंग होने के कारण बताया जा रहा है.
प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यशवंत सिन्हा को कांग्रेस के 70 विधायकों और 6 सांसदों के वोट मिलना तय है, वहीं द्रौपदी मूर्म को भाजपा के 14, जोगी कांग्रेस के 3 बसपा के दो विधायकों और 10 सांसदों के वोट मिलना तय है. इस लिहाज से मूर्म को कुल 8806 मत मूल्य और सिन्हा को 13230 मतमूल्य मिलेंगे. लेकिन यह जीत यशवंत सिन्हा के राष्ट्रपति भवन तक पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं है.
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