सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल ने रिम्स मेडिकल कॉलेज मामले में सुनवाई की थी, जिसके बाद छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में सर्वसम्मति से फ़ैसले लिए गए थे, लेकिन उस पर अब तक अमल नहीं हुआ है. सुनवाई के बाद अब आदेश जारी करने में हांथ पैर फूलने लगे हैं.
दरअसल, रिम्स मेडिकल कॉलेज ने तानाशाही रवैया दिखाते हुए जूनियर डॉक्टरों का सर्टिफ़िकेट रोक दिया है. तीन नोटिस जारी करने के बाद भी सुनवाई में रिम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन उपस्थित नहीं हुआ. इसके बाद भी प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं है.
छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में सर्वसम्मति से लिए गए फ़ैसले में अब तक अमल नहीं हुआ है. पीड़ित जूनियर डॉक्टर्स आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं. सुनवाई के दो सप्ताह के बाद भी आदेश नहीं निकाला गया. तीनों सुनवाई में रिम्स मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के ज़िम्मेदार नही पहुंचे. बावजूद मेडिकल काउंसिल मेहरबान है.
डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि 16 जून की जो कमेटी की बैठक हुई है. उसमें एथिक्स कमेटी ने तीन डॉक्टरों को बुलाया था, जिसमें रिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन भी थे, लेकिन वो सुनवाई में नहीं पहुंचे. इस सुनवाई में निर्णय हुआ था कि नोटिस देकर तीन माह के लिए निलंबित किया जाए. इसकी पुष्टि 22 जून के सामान्य सभा में भी हुई थी.
इन्हीं कारणों से रजिस्ट्रार ने इसके लिए नोटिस नहीं निकाला फिर भी 30 जून को बैठक में निर्णय लिया गया है. नोटिस देकर कार्रवाई की जाए, क्योंकि अंतिम सुनवाई का मौक़ा था. उसको तीनों डॉक्टरों ने गंवा दिया है. इसलिए उसकी निलंबन की पुष्टि हो गई है. संभवतः ऑर्डर एक दो दिन में निकल जाएगा.
इसके बावजूद भी अगर देरी होगी तो छत्तीसगढ़ काउंसिल के सदस्य रजिस्ट्रार से इसका करण पूछेंगे कि आख़िर नोटिस की तामिल क्यों नहीं हुई. संबन्धित डॉक्टरों को नोटिस क्यों नहीं दिया गया ?
वहीं पीड़ित विद्यार्थी डॉक्टर प्रोजीत कुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल की सुनवाई में रिम्स मेडिकल कॉलेज के ज़िम्मेदार लोगों नहीं पहुंचे थे. इन पर कार्रवाई करने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. इसी बीच कल हमारी डीन डॉक्टर गंभीर सिंह से बातचीत हुई है. उसमें उन्होंने आश्वासन दिया है कि मैं अभी दिल्ली में हूं. सोमवार को आप लोगों को सर्टिफ़िकेट दे दिया जाएगा.