कोंडागांव. बारिश शुरू होते ही प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता सामने आने लगी है. दो साल के लंबे समय के बाद स्कूल खुले हैं. फिर भी प्रशासन अब तक स्कूल भवनों में व्याप्त समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रहा है. बारिश आते हैं सारी अव्यवस्थाएं सामने आने लगी है.
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से महज 100 मीटर दूरी पर स्थित प्राथमिक शाला को केवल 15 हजार रुपये के मरम्मत कार्यों की दरकार है. लेकिन प्रशासन इतना काम करने में भी नाकम रहा है. स्कूल की टपकती छत और वहां पर व्याप्त अव्यवस्था, शासन की ओर से स्कूलों की मरम्मत के लिए जारी की गई 3 करोड़ की राशि के उपयोग पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है और ये प्रश्न चिन्ह जरुरी भी है. स्कूल की छत अब भी टपक रही है, बच्चे अब भी व्यवस्थाओं के आभाव में पढ़ने को मजबूर हैं, ऐसे में सवाल ये है कि आखिर मरम्मत कार्य के लिए जारी की गई रकम गई कहां?
301 स्कूलों को मरम्मत की जरुरत
डीईओ अशोक पटेल ने बताया कि जिले में ऐसे 301 स्कूल हैं जहां मरम्मत की जरुरत है. इसके लिए 3 करोड़ की राशि जारी की गई थी. स्कूलों की स्थिति को लेकर अधिकारी ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर हम स्कूलों में जरुरी व्यवस्था करा लेंगे. वहीं स्कूल के प्रधान पाठक योगेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि लगातार हमारे द्वारा शिकायत करने के बाद भी स्कूल की ऐसी हालत को देखने के लिए आज तक कोई अधिकारी नहीं आया. बच्चे और शिक्षक डर-डर कर यहां पढ़ते और पढ़ाते हैं.
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