रायपुर- कोल बेस्ड पाॅवर प्लांट से निकलने वाली फ्लाई ऐश से बढ़ते प्रदूषण की दर कम करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अहम सुझाव दिया है। एनजीटी ने अपने सुझाव में कहा है कि- पाॅवर प्लांट लगाने वाले उद्योगों का फ्लाई ऐश ब्रिक( ईंट) या ऐसी कोई दूसरी चीज बनाने वाली इकाई से एमओयू करा दिया जाए। इस एमओयू के तहत उद्योग अपने सीएसआर फंड से ब्रिक (ईंट) बनवा सकते हैं। एनजीटी ने कहा है कि ऐसा प्रावधान बनाया जाए कि इन ईंटों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे मकानों में किया जा सके।
फ्लाई ऐश के बेहतर उपयोग पर विचार करने के लिए एनजीटी और छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के वर्कशाप में एनजीटी के जोनल बैंच के न्यायिक सदस्य दिलीप सिंह ने कहा कि- फ्लाई ऐश को लेकर हालात ऐसे बन गए हैं कि अब साम-दाम के साथ दंड देने की स्थिति बन गई है। कार्य़शाला के जरिए उम्मीद कर रहे हैं कि दंड देने के हालात ना बने। उन्होंने कहा कि कोल बेस्ड पाॅवर प्लांट लगाने के लिए अनुमति केवल इस शर्त पर दिए जाने का नियम बनाया जाए, जिसमें प्लांट लगाने के साथ-साथ फ्लाई ऐश के निपटान के लिए अलग प्लांट लगाने का प्रावधान हो। न्यायायिक सदस्य दिलीप सिंह ने कहा कि – उत्पादक और उपयोगकर्ता के बीच समन्वय बनाया जाए। एनजीटी के सदस्य सचिव डॉ एस एस गेब्रियल ने कहा कि- हम नहीं चाहते थे कि ज्यूडिशरी से ऐसा आदेश आए, जिससे दिक्कत हो। इसलिए ये कार्यशाला बुलाई है। कार्यशाला में सभी पावर प्लांट के प्रतिनिधियो को बुलाया गया है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि कोल लिंकेज की तरह ऐश लिंकेज शुरू हो और फ्लाई ऐश का अलग से फंड भी बनाया जाए। उपयोग नहीं करने पर फाइन लगाने का भी प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा ये NGT का सुझाव है, राज्य सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी रोड प्रोजेक्ट में फ्लाई ऐश को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
उद्योग बनाए योजना, नहीं तो नवीनीकरण नहीं होगा- राजेश मूणत
कार्यशाला में आवास एवं पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत ने उद्योगों से दो टूक कहा है कि- सीएसआर मद से ईंट बनाने के एनजीटी के सुझाव पर योजना तैयार किया जाए। मूणत ने कहा है कि अगले साल तक उद्योग यदि ऐसी योजना नहीं बनाते, तो नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने हिदायत दी है कि ठोस कार्यवाही के पहले उद्योग सुधर जाएं, नहीं तो एनजीटी की सख्ती चलेगी औऱ एनजीटी कड़ा दंड दे सकता है। राजेश मूणत ने कहा कि युवाओं को फ्लाई ऐश मुफ्त में दे, तो वो ईंट फैक्ट्री शुरू कर सकते हैं। उन्हें रोजगार से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे 5 लाख मकानों का निर्माण फ्लाई ऐश ब्रिक से किया जाएगा। मूणत ने कहा कि अगले साल तक 15 फीसदी उपयोग बढ़ाया जाएगा।
एसईसीएल को चेतावनी, शासन ठीक करने समक्ष है- संजय शुक्ला
आवास एवं पर्य़ावरण विभाग के सचिव संजय शुक्ला ने उद्योगों पर मनमानी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उद्योग फ्लाई ऐश का निपटान ठीक ढंग से नहीं करते। ईंट या सड़क जैसे निर्माण क्षेत्र में मुफ्त में फ्लाई ऐश देने का प्रावधान हैं, बावजूद इसके नियम का पालन नहीं किया जा रहा। संजय शुक्ला ने एसईसीएल पर उदासीन रवैया अख्तियार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एसईसीएल को चेतावनी दी गई है, यदि शासन की चेतावनी को मान ले, तो ठीक हैं, नहीं तो शासन ठीक करने में सक्षम है।