नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी VIVO के दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों में 44 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. ईडी ने छापेमारी के दौरान दस्तावेज जब्त किए हैं. फर्जी कंपनियों के जरिए अवैध रूप से कमाए गए धन की हेराफेरी पर जांच एजेंसी की कार्रवाई देर रात तक चलती रही.

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर VIVO ने बयान जारी कर कहा कि सभी आवश्यक जानकारी प्रदान उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं. एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में हम कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. सूत्रों के मुताबिक, इन छापों में 6500 करोड़ रुपये से अधिक की कथित आय का पता चला है. एजेंसी ने मामले में किसी को पूछताछ के लिए तलब किए जाने के सवाल पर कहा कि मामले की जांच जारी है.

कमाई छुपाई, पैसा विदेश भेजा

प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि यह जालसाजी शेल या फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल करके VIVO ने अवैध रूप से कमाए गए धन की हेराफेरी की गई थी. कमाई का कुछ हिस्सा विदेश भी भेजा गया. भारतीय एजेंसियों को धोखा देकर काफी पैसा अन्य व्यवसायों में लगा दिया गया.

एक साथ छापे

जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार और दक्षिण भारत के कई राज्यों में तलाशी ली जा रही है. सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान जरूरी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और करोड़ों की कर चोरी का इनपुट मिला है. आरोप है कि ये कंपनियां धन शोधन और कर चोरी के अपराधों में लिप्त हैं.

Xiaomi पर भी हुई थी कार्रवाई

ईडी ने इसके पहले 29 अप्रैल को Xiaomi इंडिया के बैंक खाते जब्त कर लिए थे. खाते में जमा 5,551 करोड़ रुपए की निकासी पर भी रोक लगा दी थी. यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में की गई थी. जांच एजेंसी का कहना है कि Xiaomi इंडिया ने भारत में कारोबार से अर्जित राशि को रॉयल्टी भुगतान के नाम पर अपनी ही कंपनियों को विदेश में भेजकर अवैध लेनदेन किया है.

ईडी ने धनशोधन का दर्ज किया है केस

अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जम्मू कश्मीर में कंपनी के एक वितरक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इसमें कहा गया था कि कंपनी के कुछ चीनी शेयरधारकों ने पहचान छुपाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया. जांच हुई तो गड़बड़ियों के कई सुराग मिलने लगे. इसके बाद ईडी ने धनशोधन का केस दर्ज किया.