रायपुर. वन अधिकार पत्र अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 के उचित क्रियान्वयन के संबंध में आज मंत्रालय, महानदी भवन में वर्चुअल बैठक की गई. यह बैठक वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत वन अधिकार पत्र धारकों को उनके भूमि विकास एवं अन्य विभागीय योजनाओं से अभिसरण करते हुए कार्ययोजना निर्माण एवं कार्य स्वीकृति के संबंध में आयोजित की गई. बैठक में वन अधिकार पत्र धारकों एवं विशेष रूप से जनजातीय समूह को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने जिलों के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, मनरेगा के परियोजना अधिकारी एवं सहायक परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए गए.

बैठक में आयुक्त आदिम जाति विभाग शम्मी आबिदी, आयुक्त मनरेगा मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने इस वित्तीय वर्ष में वितरित व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र धारकों को मनरेगा के तहत लक्ष्य निर्धारित करते हुए चरणबद्ध तरीके से कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए. बैठक में जिन 17 जिलों में विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह निवासरत हैं और उन्हें वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं, उन्हें भी मनरेगा से जोड़ते हुए उनके आजीविका संवर्धन पर अभिसरण के माध्यम से कार्य कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए.

योजनाओं का समुचित लाभ दिलाने के दिए निर्देश
बैठक में सामुदायिक वन अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार प्राप्त ग्रामों में भी गठित सामुदायिक वन संसाधन संरक्षण एवं प्रबंधन समिति, इन ग्रामों में गठित क्लस्टर लेवल फेडरेशन के माध्यम से सामुदायिक वन संसाधन क्षेत्र पर मनरेगा के तहत स्वीकृत सामुदायिक कार्यों के लिए प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए गए. बैठक में वन अधिकार पत्र धारकों को उनके भूमि विकास एवं अन्य विभागीय योजनाओं का समुचित लाभ दिलाए जाने के उद्देश्य से आदिम जाति विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग को समन्वित रूप से कार्य करने कहा गया.