एनके भटेले, भिंड/अमित पवार, बैतूल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के तीसरे चरण का मतदान जारी है। भिंड में पुलिस बीते 2 चरणों में हुए विवाद को लेकर इस बार काफी संवेदनशील दिखाई दे रही है। मेहगांव और गोहद जनपद में जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 13 सुकांड वार्ड में दबंग प्रत्याशियों के चुनाव में उतरने के चलते पुलिस प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सभी जिला पंचायत प्रत्याशियों को नजरबंद कर किया है और उन्हें वोटिंग समय तक थाना परिसर में बैठाया गया है, जिससे मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो।

ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार

भिंड जिले के महोरी का पुरा गांव में मतदान को लेकर कोई गहमागहमी नहीं है। पोलिंग बूथ में सन्नाटा पसरा है। केंद्र पर मदतान दल के साथ कुछ एजेंट हैं। दरअसल, यहां ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया है। पोलिंग एजेंट ने बताया कि गांव की समस्याओं को लेकर पहले ही चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया गया था और इसी वजह से कोई भी ग्रामीण वोट देने नहीं आया। खुद पोलिंग एजेंट भी इस बहिष्कार का समर्थन करते हुए अपना मताधिकार त्याग रहे हैं।वहीं पीठासीन अधिकारी ने बताया कि 1बजे तक सिर्फ 20 वोट पड़े हैं, जबकि गांव में 400 से अधिक मतदाता हैं।

वहीं मतदान केंद्र से कुछ दूरी पर ही बैठे ग्रामीणों से जब हमारी टीम ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि उनके गांव की समस्याओं को जब तक हल नहीं किया जाएगा, तब तक चुनाव में ग्रामीण हिस्सा नहीं लेंगे। इस बात को अधिकारियों के सामने भी रखा गया था। इसके बावजूद किसी अधिकारी ने संपर्क करने की कोशिश नहीं की।

कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा

ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें उम्मीद थी कि अधिकारी उनसे इस संबंध में बात करने आएंगे तो वे अपने मताधिकार का उपयोग जरूर करेंगे, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते आखिर में उन्हें मतदान का बहिष्कार करना ही पड़ा, जो 20 वोट डाले गए हैं। वह गांव से ही जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी के परिवार के लोगों ने ही डाले हैं। गांव का कोई अन्य व्यक्ति वोट डालने नहीं जा रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि वह हर चुनाव में अपने गांव के विकास के बारे में सोच कर मतदान करते रहे। लेकिन आज भी गर्त में पड़े हुए हैं। कई बार सांसद-विधायक से लेकर स्थानीय नेता उनके पास आए, आश्वासन दिया। लेकिन कभी भी यहां की समस्याएं किसी ने हल कराने का प्रयास नहीं किया। इसी वजह से परेशान होकर अंत में उन्होंने चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है।

ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह लड़ाई यहीं तक सीमित नहीं रहेगी, उनका आंदोलन उग्र होगा और आगे आने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

सड़क नहीं बनी तो ग्रामीणों ने किया बहिष्कार

बैतूल जिले के प्रभात पट्टन जनपद अंतर्गत पोहर गांव के भी ग्रामीणों ने सड़क की मांग पूरी नहीं होने पर मतदान का बहिष्कार कर दिया। आला अधिकारी ग्रामीणों को समझाइश दे रहे हैं, लेकिन ग्रामीण कलेक्टर को मौके पर बुलाने पर अड़े हैं। बता दें कि लंबे समय से ग्रामीण मुख्य मार्ग से गांव की सड़क को जोड़ने की मांग कर रहे हैं।

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